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सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद क्लीयर हो गयी तस्वीर, वक्फ बोर्ड है भ्रष्टाचार का अड्डा, मौलाना ने कही इतनी बड़ी बात

यूपी में सुन्नी वक्फ बोर्ड भंग किया जाए। बोर्ड बन चुका है भ्रष्टाचार का अड्डा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद साफ हो गई तस्वीर। पूर्व सीएम अखिलेश यादव का खास है अध्यक्ष

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Sudhakar Shukla
मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी

मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी

बरेली,वाईबीन संवाददाता

आल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद यूपी वक्फ बोर्ड की तस्वीर साफ हो गई है। वक्फ बोर्ड भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। बोर्ड का जो अध्यक्ष 18 साल से है, वह पूर्व सीएम अखिलेश यादव के खास हैं। मौलाना ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है।  

उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन बिल 2025 भारत सरकार लेकर आयी।  और 1960 फिर 2012 के बने कानूनो मे कुछ संशोधन किया। दोनों सदन से बिल पास भी हो गया। इसके बाद कुछ संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट मे वक्फ संशोधन बिल पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दायर कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने बिल पर मुकम्मल स्टे देने से इंकार करते हुए दो से तीन जगह संशोधन करके अपना फैसला सुना दिया।

आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने इन तमाम मुद्दों पर प्रेस को जारी किये गये बयान मे कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। कोर्ट ने जो भी फैसला दिया है वो देश, समाज, और मुसलमानो के हितों मे है। फैसले मे जजो ने भारत सरकार और याचिका दायर कर्ता की भावनाओं का ख्याल रखते हुए बहुत अच्छा और बेहतरीन फैसला किया है। मौलाना ने उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड पर कड़ा प्रहार करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि वक्फ बोर्ड को जल्द से जल्द भंग कर दिया जाये। चूंकि बोर्ड करप्शन का अड्डा बन चुका है। ये जुमला लखनऊ में काफी मशहूर है कि जो शख्स वक्फ बोर्ड के दरवाज़े से अन्दर कदम रखता है तो बोर्ड की दीवारों से आवाजें आती है कि यहां की एक एक ईंट पैसा मांगती है। बोर्ड के सदस्य, कर्मचारी, और उच्च पदों पर बैठे हुए लोग करप्शन में लिप्त हैं। एक छोटी सी मस्जिद की कमेटी, या काब्रिस्तान की कमेटी या दरगाह की कमेटी बनवाने के लिए सालो साल बोर्ड कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं और बगैर रिश्वत दिए काम नही हो सकता। इसलिए अब इस तरह के बोर्ड की जरूरत नहीं है, इसको तत्काल प्रभाव से उत्तर प्रदेश सरकार भंग करने की घोषणा करे।

मौलाना ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार करप्शन में जीरो टॉलरेंस की निती पर काम कर रही है। मुसलमानो की सबसे बड़ी संस्था वक्फ बोर्ड से सम्बंधित सभी लोगों के करप्शन की जांच की जानी चाहिए, इन लोगों के खिलाफ उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में मुकदमे लिखे हुए हैं, उस पर भी कार्रवाई होना चाहिए। मौलाना ने कहा कि बोर्ड में उच्च पद पर बैठे हुए समाजवादी पार्टी के समर्थक को भी बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए। बोर्ड के अध्यक्ष सपा मुखिया अखिलेश यादव के चहेते हैं। सपा शासन काल में भी वही अध्यक्ष थे। वही आज भी भाजपा के पहले शासनकाल और दुसरे शासन काल में भी अध्यक्ष बने हुए हैं। मौलाना ने कहा कि वह भाजपा के लोगो से पूछना चाहते हैं कि इनके अंदर कौन सी खुबिया हैं, जिसकी वजह से अखिलेश यादव के चहिते को 8 साल से अध्यक्ष बना रखा है । बोर्ड के अध्यक्ष बसपा शासनकाल में भी 5 साल अध्यक्ष रहे। फिर सपा शासन काल मे 5 साल अध्यक्ष रहे। इन्होंने सपा नेता आजम खां के साथ घूमकर काम किए। रामपुर में वक्फ जमीनो मे खुर्द बुर्द भी उसी दौर की यादगार है।

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