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पीलीभीत: किसान पर हमलावर बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने की तैयारी, रेस्क्यू ऑपरेशन तेज

पीलीभीत के माला जंगल के समीप एक किसान को मारने वाली आदमखोर बाघिन को अब ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने की तैयारी चल रही है। जंगल सीमा पर लगी जाल फेंसिंग के कारण हमलावर बाघिन के जंगल में वापस जाने में आ रही अड़चनों को देखते हुए, वन विभाग ने यह निर्णय लिया है।

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Sudhakar Shukla
Tiger in Bareilly

Photograph: (AI)

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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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पीलीभीत के माला जंगल के समीप एक किसान को मारने वाली आदमखोर बाघिन को अब ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने की तैयारी चल रही है। जंगल सीमा पर लगी जाल फेंसिंग के कारण हमलावर बाघिन के जंगल में वापस जाने में आ रही अड़चनों को देखते हुए, वन विभाग ने यह निर्णय लिया है। रिहायशी इलाके में डेरा जमाए बाघिन से किसी अन्य व्यक्ति पर हमले के खतरे को भाँपते हुए, सोमवार शाम को ही शासन से बाघिन को पकड़ने की अनुमति मांगी गई थी, जो तत्काल मिल गई। इसके बाद से ही रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।

किसान की मौत के बाद ग्रामीणों में आक्रोश

बीते सोमवार तड़के थाना न्यूरिया क्षेत्र के गांव मेवातपुर निवासी किसान मुकेश कुमार की बाघिन के हमले में मौत हो गई थी। इस घटना से ग्रामीणों में खासा आक्रोश फैल गया था, जिसे जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह के मौके पर पहुंचने के बाद शांत किया जा सका। घटना के बाद से ही हमलावर बाघिन के आसपास के खेतों में मौजूद होने की बात कही जा रही थी। बाघिन की लोकेशन ट्रेस करने के दौरान गन्ने के खेत में बैठी बाघिन ने माला रेंजर समेत टीम पर हमले का भी प्रयास किया था, मगर सूझबूझ के चलते टीम सुरक्षित बच गई थी। आबादी को सुरक्षित करने के लिए जाल भी लगाया गया था।

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जाल फेंसिंग बनी चुनौती, ट्रेंकुलाइज करने का फैसला

वन अफसरों द्वारा हमलावर बाघिन को जंगल में खदेड़ने की रणनीति बनाई गई थी, लेकिन जंगल सीमा पर लगी जाल फेंसिंग ही बाघिन की जंगल वापसी में रोड़ा बन गई। दरअसल, जंगल से सटे संवेदनशील गांवों को सुरक्षित करने के लिए माला एवं महोफ रेंज की सीमा पर जाल फेंसिंग कराई गई है। हर तरफ जाल फेंसिंग लगी होने से बाघिन को जंगल में खदेड़ने की योजना फेल होती देख टाइगर रिजर्व प्रशासन ने सोमवार को ही शासन स्तर पर उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने की अनुमति मांगी थी। शासन स्तर से सोमवार शाम को ही बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने की अनुमति दे दी गई।

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, विशेषज्ञ टीम मौके पर

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रिहायशी इलाके में घूम रही बाघिन के कारण कहीं कोई और अनहोनी न हो जाए, टाइगर रिजर्व प्रशासन ने सोमवार शाम को ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया था। वन अफसरों की देखरेख में रेस्क्यू ऑपरेशन से संबंधित सभी संसाधन भी मौके पर जुटा लिए गए। सोमवार शाम घटनास्थल से कुछ दूरी पर ट्रेप एनिमल भी बांधा गया। पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह सोमवार रात करीब दो बजे ट्रंकुलाइज एक्सपर्ट डॉ. दक्ष गंगवार के साथ मौके पर पहुंचे। बाघिन के ट्रेप एनिमल के करीब आने का इंतजार किया गया। अन्य वन अफसर और टीमें भी आसपास नजर जमाए रहीं, मगर हमलावर बाघिन ट्रेप एनिमल के करीब न जाकर पीछे से निकल गई। मंगलवार सुबह 07 बजे तक वन अफसर मौके पर मौजूद रहे, लेकिन पहली रात में वन अफसरों को कोई सफलता नहीं मिल सकी।

इधर, मंगलवार को भी पूरे दिन निगरानी टीम मुस्तैद रही। बाघिन की लोकेशन भी आसपास देखी जा रही है। वन अफसरों का कहना है कि अब मंगलवार रात में दोबारा ट्रेप एनिमल बांधा जाएगा और बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने का प्रयास किया जाएगा। प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है और कोशिश कर रहा है कि जल्द से जल्द बाघिन को पकड़कर आबादी वाले क्षेत्र को सुरक्षित किया जा सके।

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