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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
राजकीय बालिका इंटर कॉलेज (GGIC) में चल रहे समर कैंप का समापन आज एक विशेष रोबोटिक्स एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कार्यशाला के साथ हुआ। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को भविष्य की तकनीक से जोड़ना, उनमें नवाचार के लिए प्रेरणा जगाना और महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तकनीकी समाधानों की समझ विकसित करना था।
कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अर्चना राजपूत ने किया। उप प्रधानाचार्या अनु पाराशरी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि "आज की बेटियां तकनीकी दुनिया में आगे बढ़कर आत्मनिर्भरता और सुरक्षा दोनों का प्रतीक बन रही हैं।" उन्होंने छात्राओं को नई तकनीक सीखने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यशाला का तकनीकी नेतृत्व रोबोटिक्स एवं कंप्यूटर साइंस विशेषज्ञ देवांश सरस्वत ने किया। उन्होंने छात्राओं को सेंसर्स, रोबोटिक्स के सिद्धांत, कोडिंग और महिला सुरक्षा प्रोजेक्ट्स की लाइव ट्रेनिंग दी। छात्राओं ने अपने हाथों से अल्ट्रासोनिक सेंसर आधारित स्मार्ट डस्टबिन, मोबाइल ऑपरेटेड रोबोट कार और अन्य महिला सुरक्षा से जुड़े नवाचार प्रोजेक्ट्स बनाकर स्वयं उनका संचालन करना सीखा।
डॉ. सिद्धार्थ शर्मा ने छात्राओं को AI की अवधारणा और इसके भविष्य के प्रयोग पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की, जिससे उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विशाल क्षेत्र की समझ मिली।
यह कार्यशाला छात्राओं के लिए तकनीकी जागरूकता, आत्मविश्वास और नवाचार का संबल बनकर सामने आई। जैसा कि इस कार्यशाला का मूल संदेश रहा: "जब बेटियां तकनीक को समझती हैं, तब समाज सुरक्षित और सक्षम बनता है।" यह आयोजन छात्राओं को STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा और उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेगा।