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बिहार चुनाव 2025 में दागियों की दबंगई! क्या हत्या - दुष्कर्म के आरोपी मैदान में | यंग भारत न्यूज Photograph: (X.com)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार 316 दागी उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर मामलों के 5 आरोपी भी शामिल हैं। कुल 37 पार्टियों ने 107 ऐसे नेताओं को टिकट दिया है जिन पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। चुनावी विश्लेषण करने वाली वेबसाइट एडीआर का यह चौंकाने वाला आंकड़ा सीधे तौर पर लोकतंत्र की नींव पर सवाल खड़े करता है।
जन सुराज पार्टी 51 दागी उम्मीदवारों के साथ इस लिस्ट में सबसे आगे है, जबकि राजद ने भी 24 दागियों को चुनावी रण में उतारा है। दागी उम्मीदवारों का 'दंगल' बिहार चुनाव 2025 में लोकतंत्र का सबसे बड़ा इम्तिहान यह सिर्फ चुनाव नहीं, एक भयानक सच्चाई है बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मतदाताओं के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह नहीं है कि वे किस पार्टी को चुनें, बल्कि यह है कि वे 'अपराध की छाया' से कैसे बचें।
इलेक्शन कमीशन Election Commission को दिए गए शपथ पत्रों की पड़ताल से पता चला है कि इस बार 316 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने खुद कबूल किया है कि उन पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। यह आंकड़ा सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि लोकतंत्र के स्वास्थ्य पर लगा एक गहरा घाव है। 5 बलात्कार के आरोपी और 52 हत्या के कौन दे रहा है इन्हें टिकट?
सोचिए, आपके सामने जो उम्मीदवार वोट मांगने आ रहा है, क्या वह कानून का पालन करने वाला है या कानून को तोड़ने वाला? बिहार की राजनीति में अपराधीकरण Criminalization of Politics का यह खेल अब एक नया और भयावह मोड़ ले चुका है। यहां कुछ सबसे चौंकाने वाले आंकड़े हैं।
कुल दागी उम्मीदवार: 316
हत्या की कोशिश के आरोपी: 165
हत्या मर्डर के आरोपी: 52
महिलाओं के विरुद्ध अपराध के आरोपी: 94
बलात्कार Rape के आरोपी: 5
यह लिस्ट बताती है कि राजनीति अब समाज सेवा नहीं, बल्कि 'आपराधिक संरक्षण' का एक आसान रास्ता बन चुकी है। सबसे अधिक दागी उम्मीदवारों में निर्दलीय 112 दागी और फिर प्रमुख पार्टियां शामिल हैं।
क्या पार्टियों के लिए सिर्फ 'जीतने की क्षमता' मायने रखती है, फिर चाहे उम्मीदवार का रिकॉर्ड कुछ भी हो? यंग भारत न्यूज का यह Explainer आपको हर पहलू की गहराई तक ले जाएगा।
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पीके की 'जन सुराज' क्यों है नंबर 1?
यह जानना और भी जरूरी है कि आखिर कौन सी पार्टियां खुलेआम दागियों को टिकट देने में सबसे आगे हैं। प्रशांत किशोर Prashant Kishor यानी 'पीके' की पार्टी जन सुराज पार्टी ने इस मामले में सभी को पीछे छोड़ दिया है।
सबसे ज्यादा दागी उम्मीदवारों वाली टॉप 3 पार्टियां
जन सुराज पार्टी PK: 51 दागी उम्मीदवार। इनमें 25 हत्या की कोशिश और 12 हत्या के आरोपी हैं।
राष्ट्रीय जनता दल RJD: 24 दागी उम्मीदवार। लालू यादव की पार्टी ने 13 हत्या की कोशिश और 5 हत्या के आरोपियों को मैदान में उतारा है। 6 पर महिला अपराध के केस हैं।
निर्दलीय Independent: 112 दागी उम्मीदवार। इनमें 58 हत्या की कोशिश के और 16 हत्या के आरोपी हैं। 3 तो बलात्कार के आरोपी भी हैं। जन सुराज का दावा है कि वह 'नए राजनीतिक विकल्प' के लिए आई है, लेकिन 51 दागियों को टिकट देना खुद उनके दावों पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाता है।
दूसरी ओर, राजद जैसी बड़ी और स्थापित पार्टी का भी इस सूची में टॉप पर रहना, यह दिखाता है कि सत्ता की दौड़ में नैतिकता को ताक पर रख दिया गया है।
क्या आप जानते हैं? बीजेपी BJP और जेडीयू JDU जैसी प्रमुख पार्टियों के भी क्रमशः 7-7 उम्मीदवार हत्या की कोशिश का आरोप झेल रहे हैं। अपराध की जड़ें राजनीति में कितनी गहरी हैं, यह टेबल आपको साफ बता देगी।
महिला सुरक्षा बनाम चुनावी टिकट
94 आरोपी खुलेआम देश में जब महिला सुरक्षा और सम्मान की बात होती है, तो पार्टियां बड़े-बड़े वादे करती हैं। लेकिन बिहार चुनाव में 94 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन पर महिला के विरुद्ध अपराध के मुकदमे दर्ज हैं। इन 94 में से 5 तो ऐसे हैं जिन्होंने निर्वाचन आयोग को बताया है कि वे बलात्कार के आरोपी हैं। इनमें 3 निर्दलीय, प्रिज्म Prism का एक और लोक शक्ति पार्टी लोकतांत्रिक का एक उम्मीदवार शामिल है। राजद के 6 उम्मीदवार महिला अपराध के आरोपी हैं। जन सुराज 14 उम्मीदवार महिला अपराध के आरोपी हैं।
यह आंकड़े न केवल महिलाओं के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक डरावनी तस्वीर पेश करते हैं। ऐसे उम्मीदवार जब विधानसभा में बैठेंगे, तो क्या वे महिलाओं के हकों की रक्षा कर पाएंगे? यह सवाल हर वोटर को खुद से पूछना चाहिए। वोटर क्या करे? दागी नेताओं का 'ट्रैप' कैसे तोड़ें?
अब सबसे बड़ा सवाल आपके वोट का क्या होगा? चुनाव आयोग ने भले ही हर उम्मीदवार के आपराधिक रिकॉर्ड का खुलासा अनिवार्य कर दिया है, लेकिन पार्टियां इसे नजरअंदाज कर रही हैं। एक जागरूक मतदाता के तौर पर, आपके पास अब भी सबसे बड़ी शक्ति है।
बिहार का यह चुनाव सिर्फ सरकार बनाने का नहीं, बल्कि स्वच्छ राजनीति की उम्मीद जगाने का चुनाव भी होना चाहिए।
Bihar elections 2025 | Tainted Candidates | bihar politics | Bihar politics 2025 | ADR Reports 2025
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