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नए श्रम कानून: न्यूनतम वेतन, PF और पेंशन में बड़े बदलाव, नए नियम लागू

भारत में चार नए श्रम कानून आधिकारिक तौर पर नोटिफाई कर दिए गए हैं, जो पुराने 29 कानूनों की जगह लेंगे। इन कानूनों का उद्देश्य रोजगार को अधिक पारदर्शी और कर्मचारियों के लिए लाभकारी बनाना है।

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Ranjana Sharma
priyanka 8 (24)

नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍क: भारत में चार नए श्रम कानूनों को आधिकारिक तौर पर नोटिफाई कर दिया गया है, जो पुराने 29 श्रम कानूनों की जगह लेंगे। इन बदलावों का उद्देश्य देश में रोजगार को अधिक पारदर्शी और कर्मचारियों के लिए लाभकारी बनाना है। नए कानूनों से खासकर सैलरी, पेंशन, ग्रेच्युटी और पीएफ जैसी सुविधाओं में बदलाव देखने को मिलेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे कर्मचारियों की टेक होम सैलरी में थोड़ी कमी हो सकती है, लेकिन लंबी अवधि की वित्तीय सुरक्षा जैसे पीएफ और अन्य भत्तों में वृद्धि होगी। इसमें ये चार बड़े बदलाव और फायदे दिए गए हैा 

गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को कानूनी मान्यता

पहली बार गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को श्रम कानूनों के तहत औपचारिक रूप से मान्यता दी गई है। जिप्पी के संस्थापक माधव कस्तूरिया के अनुसार, इससे ये वर्कर्स बीमा, पीएफ और पेंशन जैसी सुविधाओं का लाभ उठा पाएंगे। लाखों डिलीवरी, ऐप और प्लेटफॉर्म-बेस्ड वर्कर्स अब सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आए हैं, जिससे उन्हें दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा और स्थिरता मिलती है।

न्यूनतम मजदूरी और समय पर वेतन भुगतान अनिवार्य

नए कानूनों के तहत अब सभी श्रमिकों के लिए ऑफर लेटर, न्यूनतम वेतन और समय पर वेतन भुगतान अनिवार्य किया गया है। कस्तूरिया के अनुसार, इससे अलग-अलग शिफ्टों में काम करने वाले डिलीवरी पार्टनर्स की आय में उतार-चढ़ाव कम होगा और आर्थिक स्थिरता बढ़ेगी।

स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार

नए नियम ईएसआई कवरेज का विस्तार करते हैं और गिग वर्कर्स के लिए फ्री सालाना हेल्थ चेकअप की सुविधा प्रदान करते हैं। कस्तूरिया का कहना है कि नियमित स्वास्थ्य निगरानी से दीर्घकालिक स्वास्थ्य जोखिम और वित्तीय तनाव कम होगा।
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महिलाओं के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण और वेलफेयर फंड

महिलाएं अब नाइट शिफ्ट सहित विभिन्न भूमिकाओं में काम कर सकती हैं, बशर्ते नियोक्ता उचित सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करें और उनकी सहमति प्राप्त हो। इसके अलावा, गिग वर्कर्स के लिए एक नया वेलफेयर मॉडल पेश किया गया है, जिसमें प्लेटफॉर्म कंपनियां अपने टर्नओवर का 1–2% सामाजिक सुरक्षा कोष में योगदान देंगी। इस फंड से लाखों वर्कर्स के लिए बीमा, पेंशन और अन्य दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित होंगे। नए श्रम कानूनों के माध्यम से भारत में रोजगार के क्षेत्र में पारदर्शिता, सुरक्षा और दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
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