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शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस ने PM Modi पर साधा निशाना, कहा-असली मुद्दों पर ध्यान दें

नई दिल्ली से आई खबर के अनुसार, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि पिछले 11 वर्षों में सरकार ने संसदीय मर्यादा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अपमान किया।

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Ranjana Sharma
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्‍क: संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में सरकार ने लगातार संसदीय मर्यादा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अपमान किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर खड़गे ने पीएम मोदी पर भटकाने का आरोप लगाते हुए कहा कि महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाए।

मानसून सत्र  में 12 बिल जल्दबाजी में पास किए गए

खड़गे ने दावा किया कि अकेले पिछले मानसून सत्र के दौरान कम से कम 12 बिल जल्दबाजी में पास किए गए। इनमें से कुछ 15 मिनट से भी कम समय में और कुछ बिना किसी चर्चा के पास किए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि विवादास्पद कानून जैसे कृषि कानून, जीएसटी और इंडियन सिविल सिक्योरिटी कोड संसद में जबरदस्ती पारित कराए गए थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री संवेदनशील मुद्दों पर मौन रहते हैं। खड़गे ने कहा, "जब मणिपुर का मामला संसद में उठा, तब तक आप चुप रहे, जब तक विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया।

बीएलओ की स्थिति पर भी चिंता जताई

खड़गे ने बीएलओ की स्थिति पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया में अत्यधिक कार्यभार के कारण बीएलओ लगातार अपनी जान गंवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष जनता से जुड़े वास्तविक मुद्दों, 'वोट चोरी' की आशंका को संसद में प्रमुखता देना चाहता है और इस पर सवाल उठाता रहेगा। खड़गे ने कहा, भाजपा अब भटकाने का खेल बंद करे और संसद में आम जनता के असली मुद्दों पर चर्चा करे। सच यह है कि आम आदमी बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक असमानता और देश के संसाधनों की लूट के कारण संघर्ष कर रहा है, जबकि सत्ता में बैठे लोग सत्ता के अहंकार में ड्रामा कर रहे हैं।

संसद सही ढंग से नहीं चलती तो जिम्मेदारी पीएम की

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी 'एक्स' पोस्ट के जरिए कहा कि पीएम संसद में नहीं आते और विपक्ष के साथ कोई संवाद नहीं करते। हर सत्र से पहले प्रधानमंत्री बाहर खड़े होकर राष्ट्र को संबोधित करते हैं और विपक्ष से सहयोग की अपील करते हैं, लेकिन असल में संसद में मुद्दों को उठाने नहीं देते। जयराम रमेश ने कहा, यदि संसद सही ढंग से नहीं चलती तो इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रधानमंत्री की है। उनका सत्र शुरू होने से पहले का बयान केवल दिखावा है।
इनपुट-आईएएनएस
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