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पढ़े-लिखे प्रोफेसर और डॉक्टर भी आतंकवाद में शामिल...इसलिए शिक्षा के साथ देशभक्ति भी जरूरी : आनंदीबेन पटेल

एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय का 23वां दीक्षांत समारोह गुरुवार को शान-ओ-शौकत के साथ मनाया गया। अटल सभागार में हुए भव्य समारोह में मंच पर एक साथ दो राज्यपाल मौजूद थे

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Sudhakar Shukla
रुहेलखंड विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित होते झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार

रुहेलखंड विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित होते झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार

वाईबीएन संवाददाता बरेली।

 महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय का 23वां दीक्षांत समारोह गुरुवार को पूरे शान-ओ-शौकत के साथ मनाया गया। अटल सभागार में आयोजित इस भव्य समारोह में मंच पर एक साथ दो राज्यपाल मौजूद थे। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं, जबकि झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार विशेष अतिथि के रूप में मंच पर मौजूद रहे। समारोह में इस बार कई नए आयाम जुड़े। विश्वविद्यालय की ओर से पहली बार डीलिट की उपाधि देने का निर्णय लिया गया। झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।

94 मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक, 113 को मिली पीएचडी की डिग्री 

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रुहेलखंड विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कुल 94 मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक और 113 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। मुख्य वक्ता के रूप में आईआईटी रोपड़ के निदेशक प्रो. राजीव अहूजा ने छात्रों को सफलता और नवाचार के मंत्र दिए। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, राज्य मंत्री रजनी तिवारी, सांसद, विधायक और शहर के कई गणमान्य लोग भी मौजूद रहे। पूरे विश्वविद्यालय परिसर में उत्सव का माहौल देखने को मिला। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने समारोह से पहले विश्वविद्यालय परिसर में बने कई नए निर्माण कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इसमें डिजिटल लर्निंग हब, अंतरराष्ट्रीय छात्रावास, स्वर्ण जयंती द्वार, पुरुष छात्रावास में बना क्रिकेट स्टेडियम और प्रो. एस.बी. सिंह ऑडिटोरियम शामिल रहे।

विश्वविद्यालय ने बदले छात्रावासों के नाम 

 विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रावासों के नाम भी बदल दिए हैं। अब मुख्य छात्रावास को ‘अरावली छात्रावास’, न्यू बॉयज हॉस्टल को ‘नीलगिरि छात्रावास’ और पीजी हॉस्टल को ‘मानसरोवर छात्रावास’ के नाम से जाना जाएगा। दो राज्यपालों की मौजूदगी को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने बुधवार रात से ही विश्वविद्यालय की कमान संभाल ली थी। परिसर में पुलिस, बम स्क्वायड और डॉग स्क्वायड की टीमें तैनात रहीं। जिला प्रशासन ने सुरक्षा अधिकारियों के ठहरने और आवाजाही के लिए विशेष इंतजाम किए। पूरे दिन कैंपस में सुरक्षा के कड़े इंतजामों के बीच कार्यक्रम संपन्न हुआ।

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