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Cyber Fraud को कैसे रोकेगा Sanchar Sathi app? पुराने फोन पर भी होगा उपलब्ध!

संचार साथी ऐप क्या वास्तव में साइबर फ्रॉड रोक सकता है? क्या यह पुराने फोन में भी आएगा? जानें ऐप की कार्यप्रणाली, सुरक्षा फीचर्स और नागरिकों के लिए जरूरी बातें।

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Dhiraj Dhillon
Sanchar Sathi app

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। जिस संचार साथी ऐप को लेकर इतना हो- हल्ला मच रहा है, संसद में हंगामा हो रहा है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल इसे निजता का हनन करार दे रहे हैं, उस ऐप के बारे में जानने का हक सभी को है। लोग यह भी जानना चाहते हैं कि यह ऐप साइबर फ्रॉड को कैसे रोकेगा? मोबाइल उपभोक्ताओं के जहन में सबसे बड़ा सवाल यह है कि जो मोबाइल वह इस्तेमाल कर रहे हैं उसमें यह ऐप कैसे इंस्टाल होगा। इन सारे सवालों के जबाव जानने के लिए इस खबर को पूरा पढ़ें। 

नए मोबाइल में प्री- इंस्टॉल होगा संचार साथी ऐप

भारत सरकार के दूरसंचार विभाग ने मोबाइल निर्माता कंपनियों को नई गाइडलाइन जारी की हैं। गाइडलाइन के मुताबिक अब सभी नए मोबाइल फोन संचार साथी ऐप से लैस होंगे। यानी हर मोबाइल में यह ऐप प्री-इंस्टॉल होगा। यह एप न केवल उपभोक्ताओं को साइबर फ्रॉड से बचाएगा बल्कि फर्जी सिम और आईईएमआई पर भी अंकुश लगाएगा। संचार साथी ऐप को लेकर जो निर्देश जारी किए हैं, आम जनता में इसके उद्देश्य और उपयोग को लेकर काफी भ्रम बना हुआ है। सबसे पहला सवाल यही है कि यह ऐप फ्रॉड रोकने में कैसे मदद करेगा।

ऐप सुरक्षा और निगरानी के लिए किया गया है डिजाइन

संचार साथी ऐप मूल रूप से सुरक्षा और निगरानी के लिए डिजाइन किया गया है। यह ऐप उपयोगकर्ताओं को संभावित घोटाले और धोखाधड़ी से सचेत करने के लिए विभिन्न डेटा एनालिटिक्स और अलर्ट सिस्टम का उपयोग करता है। इसके माध्यम से उपभोक्ताओं को संदिग्ध कॉल, मैसेज और ट्रांजैक्शन के बारे में सूचना मिलती है। हालांकि, यह पूरी तरह से किसी भी फ्रॉड को रोकने का साधन नहीं है, बल्कि एक अलर्ट और रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म के रूप में काम करता है।

पुराने फोन पर कुछ फीचर्स उपलब्ध नहीं हो सकते

दूसरा सवाल यह है कि क्या यह ऐप पुराने फोन में भी उपलब्ध होगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि ऐप का अधिकांश कार्य स्मार्टफोन पर निर्भर है, और पुराने या फीचर फोन पर कुछ फीचर्स उपलब्ध नहीं हो सकते। नागरिकों के लिए सबसे बड़ी चिंता यह है कि ऐप पूर्व-इंस्टॉल होकर डिलीट न हो सके, जिससे निजता और गोपनीयता को लेकर सवाल उठ रहे हैं। सरकार का कहना है कि ऐप का उद्देश्य केवल सुरक्षा बढ़ाना और फ्रॉड रोकना है, किसी की व्यक्तिगत बातचीत को ट्रैक करना नहीं।

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sanchar sathi app | cyber fraud 

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