Advertisment

कार्तिक माह की द्वादशी का शुभ संयोग: रवि योग में बन रहा है सफलता के योग

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि इस बार रवि योग में पड़ रही, जो अत्यंत शुभ मानी जाती है। इस दिन किए गए शुभ कार्य, शिक्षा से जुड़ी शुरुआत, निवेश और व्यापार में सफलता के योग बनते हैं। रवि योग में भगवान विष्णु की आराधना करने से विशेष लाभ मिलता है।

author-image
YBN News
DwadashiTithi

DwadashiTithi Photograph: (ians)

नई दिल्ली। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि इस बार रवि योग में पड़ रही है, जो अत्यंत शुभ मानी जाती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दिन किए गए शुभ कार्य, शिक्षा से जुड़ी शुरुआत, निवेश और व्यापार में सफलता के योग बनते हैं। रवि योग में पूजा-पाठ, दान-पुण्य और भगवान विष्णु की आराधना करने से विशेष लाभ मिलता है। इस तिथि पर व्रत रखने और जरूरतमंदों की सहायता करने से सुख-समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है। द्वादशी तिथि का यह संयोग जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता लाने वाला रहेगा।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि रविवार को है। इस दिन सूर्य तुला में और चंद्रमा कुंभ राशि में सुबह 11 बजकर 27 मिनट तक रहेंगे। इसके बाद मीन राशि में गोचर करेंगे। रवि योग ज्योतिष में एक शुभ योग माना गया है। यह तब बनता है जब चंद्रमा का नक्षत्र सूर्य के नक्षत्र से चौथे, छठे, नौवें, दसवें और तेरहवें स्थान पर होता है। इस दिन निवेश, यात्रा, शिक्षा या व्यवसाय से संबंधित काम की शुरुआत करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

द्रिक पंचांग के अनुसार

द्रिक पंचांग के अनुसार, रविवार के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 42 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक और राहुकाल शाम 4 बजकर 12 मिनट से शुरू होकर 5 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।

अग्नि और स्कंद पुराण

अग्नि और स्कंद पुराण में रविवार व्रत का उल्लेख मिलता है, जिसमें बताया गया है कि इस व्रत को रखने से जातक के जीवन में सुख, समृद्धि, आरोग्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। अगर आप व्रत की शुरुआत करना चाहते हैं, तो किसी भी महीने में शुक्ल पक्ष के पहले रविवार से कर सकते हैं और 12 रविवार व्रत रखने के बाद उद्यापन कर दें।

Advertisment

जीवन में सुख-समृद्धि

रविवार का व्रत करने के लिए जातक सुबह या ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म स्नान आदि कर पूजा स्थल को साफ करें। इसके बाद एक चौकी पर कपड़ा बिछाकर पूजन सामग्री रखें और फिर व्रत कथा सुनें और सूर्य देव को तांबे के बर्तन में जल भरकर उसमें फूल, अक्षत और रोली डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। मान्यता है कि ऐसा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा रविवार के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र मंत्र का पाठ करने और सूर्य देव के मंत्र "ऊं सूर्याय नमः" या "ऊं घृणि सूर्याय नमः" का जप करने से भी विशेष लाभ मिलता है। रविवार के दिन गुड़ और तांबे के दान का भी विशेष महत्व है। इन उपायों से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता मिलती है।

 (इनपुट-आईएएनएस)

Advertisment
Advertisment