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बेकरी से बॉलीवुड तक : चिप्स बेचते-बेचते बोमन ईरानी ने बनाई बॉलीवुड स्टार्स के बीच अपनी जगह

बॉलीवुड में अपनी दमदार एक्टिंग के लिए पहचाने जाने वाले एक्टर बोमन ईरानी ने अपने सफल करियर से साबित कर दिखाया कि मेहनत और लगन से किसी भी उम्र में कामयाबी हासिल की जा सकती है। अभिनय में आने से पहले बोमन ने अपने परिवार की मदद के लिए मां की बेकरी संभाली।

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YBN News
Boman Irani

बॉलीवुड में अपनी दमदार क्टिंग के लिए पहचाने जाने वाले एक्टर बोमन ईरानी ने अपने सफल करियर से साबित कर दिखाया कि मेहनत और लगन से किसी भी उम्र में कामयाबी हासिल की जा सकती है। उनका करियर भले ही देर से शुरू हुआ हो, लेकिन उन्होंने खुद को साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनके जीवन की कहानी किसी प्रेरक फिल्म से कम नहीं है।   अभिनय में आने से पहले बोमन ने अपने परिवार की मदद के लिए मां की बेकरी संभाली। ये अनुभव उनकी जिंदगी का एक अहम हिस्सा रहा, जिसने उन्हें जमीनी हकीकतों से जोड़े रखा।

बचपन में ही उठ गया था सिर से पिता का साया

बोमन ईरानी का जन्म 2 दिसंबर 1959 को मुंबई में एक पारसी परिवार में हुआ। जब वह छोटे थे, तब उनके पिता का निधन हो गया और उनकी मां ने अकेले परिवार का पालन-पोषण किया। बोमन बचपन से ही थोड़े अलग थे। उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता था। वे डिसलेक्सिया से जूझ रहे थे।

लोग उड़ाते थे बचपन में मजाक

बचपन में लोग अक्सर उनका मजाक उड़ाते थे। लेकिन, उनकी मां ने हार नहीं मानी और बोमन को स्पीच थेरेपी के लिए भेजा। धीरे-धीरे बोमन ने अपनी मुश्किलों पर काबू पाया और पढ़ाई पूरी की। उन्होंने होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया और मुंबई के फेमस ताज होटल में काम किया। इस दौरान उन्होंने लोगों से पेशेवर तरीके से पेश आना और धैर्य रखने की कला सीखी।

छोटी उम्र में ही आ गई थी परिवार की जिम्मेदारी

इसके बाद जब उनकी मां बीमार पड़ गईं, तो उन्हें परिवार की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेनी पड़ी। उन्होंने अपनी मां की बेकरी संभाली और 14 साल तक वहां काम किया। बेकरी में मुख्य रूप से आलू के चिप्स बनाए और पैक करके बेचे जाते थे। इस अनुभव ने उन्हें मेहनत और धैर्य का पाठ पढ़ाया, जो बाद में उनके करियर में भी काम आया।

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हंसराज सिंधिया से एक्टिंग के गुर सीखे

बोमन का मन हमेशा एक्टिंग में था। उन्होंने थिएटर में काम करना शुरू किया और हंसराज सिंधिया से एक्टिंग के गुर सीखे। थिएटर में काम करने के दौरान उन्हें पहचान मिली और कई प्रोड्यूसर्स और डायरेक्टर्स ने उन्हें फिल्मों में आने का ऑफर दिया। हालांकि उन्होंने शुरुआती दौर में कुछ ऑफर ठुकराए, क्योंकि वह बेकरी को भी संभाल रहे थे।

 'एव्रिबडी शेज़ आई एम फाइन' में दिया प्रतिभा का परिचय

बोमन ने साल 2001 में इंग्लिश फिल्मों 'एव्रिबडी शेज़ आई एम फाइन' और 'लेट्स टॉक' में काम किया, लेकिन उन्हें सही पहचान साल 2003 में आई फिल्म 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' से मिली। इस फिल्म में उन्होंने डॉक्टर अस्थाना का किरदार निभाया और दर्शकों का दिल जीत लिया। इसके बाद उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया, जैसे '3 इडियट्स', 'हनीमून ट्रेवल्स प्राइवेट लिमिटेड', 'दोस्ताना', 'युवराज', 'तीन पत्ती', 'हम तुम और घोस्ट', 'हाउसफुल', 'हाउसफुल 2' और 'संजू'।

बोमन की खासियत यह है कि उन्होंने अपने किरदारों में हमेशा गहराई और जीवन की वास्तविकता को शामिल किया। '3 इडियट्स' में उन्होंने कॉलेज के प्रिंसिपल का किरदार निभाया, लेकिन रियल लाइफ में उनका नजरिया अपने किरदार से उलट बच्चों के सपनों का सम्मान करने वाला है। इसके अलावा, बोमन ने डायरेक्शन की दुनिया में भी कदम रखा और 'द मेहता बॉयज' जैसी फिल्में निर्देशित की। आईएएनएस
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