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Entertainmant: आवाज, साज और संगीत : दो अलग कलाकार, म्यूजिक के हर किरदार में दमदार

प्राजक्ता शुक्रे का जन्म 29 नवंबर 1987 को हुआ था। वह बचपन से ही संगीत में गहरी रुचि रखती थीं। परिवार के समर्थन और अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने चार साल की उम्र में ही मंचों पर गाना शुरू कर दिया था।

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YBN News
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भारतीय संगीत जगत में कई कलाकार ऐसे हैं जिन्होंने अपनी मेहनत और जुनून के दम पर एक खास जगह बनाई है। लेकिन कुछ नाम ऐसे भी हैं जिनकी शुरुआत भले ही अलग-अलग जगहों से हुई हो, पर उनकी पहचान बनने की राह कहीं न कहीं एक ही दिशा से होकर गुजरी। प्राजक्ता शुक्रे और शेखर रवजियानी दोनों की शुरुआत उन मंचों से हुई, जहां सुर और प्रतिभा की असली परीक्षा होती है।  

बचपन से ही संगीत में गहरी रुचि

प्राजक्ता शुक्रे का जन्म 29 नवंबर 1987 को हुआ था। वह बचपन से ही संगीत में गहरी रुचि रखती थीं। परिवार के समर्थन और अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने चार साल की उम्र में ही मंचों पर गाना शुरू कर दिया था। लगातार प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हुए उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता गया। जब वह बारहवीं क्लास में थीं, तब उन्होंने देश के सबसे बड़े सिंगिंग रियलिटी शो 'इंडियन आइडल' के पहले सीजन में भाग लेने का फैसला किया। उसी शो ने उन्हें पूरे भारत में पहचान दिलाई।

टॉप-5 में पहुंचने वाली एकमात्र महिला प्रतिभागी 

वह सीजन की टॉप-5 में पहुंचने वाली एकमात्र महिला प्रतिभागी बनीं और चौथे स्थान तक पहुंचीं। प्रतियोगिता खत्म होने के बाद उन्हें कई फिल्मों और एल्बम में काम करने का मौका मिला। उन्होंने सोनी बीएमजी लेबल के साथ अपना पहला एल्बम रिलीज किया और कई बड़े कलाकारों के साथ स्टेज परफॉर्मेंस भी किए। फिल्मों में भी उन्होंने अपनी आवाज दी और भक्ति संगीत से लेकर बॉलीवुड गीतों तक हर शैली में जगह बनाई।

शेखर रवजियानी: रियलिटी शो 'सा रे गा मा पा' से हुई

वहीं, शेखर रवजियानी का जन्म 29 नवंबर 1978 को गुजरात के भुज में हुआ था। पिता की प्रेरणा से ही उन्होंने उस्ताद नियाज अहमद खान से संगीत की तालीम ली, जिसने उनकी गायकी और सुरों को मजबूत बनाया। उनके करियर की शुरुआत भी रियलिटी शो 'सा रे गा मा पा' से हुई। शेखर ने इस शो में प्रतिभागी के रूप में हिस्सा लिया और यहीं से उनके संगीत की यात्रा आगे बढ़ी। शो में मिली पहचान ने उन्हें फिल्मी दुनिया तक पहुंचाया और इसके बाद उनका चयन फिल्म 'प्यार में कभी-कभी' के लिए हुआ।

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पहला गाना 'दिल से मेरे' गाया

इस फिल्म में उन्होंने पहला गाना 'दिल से मेरे' गाया और बाद में संगीत भी तैयार किया। धीरे-धीरे वह संगीत निर्देशन की ओर बढ़े और उनकी मुलाकात विशाल ददलानी से हुई। दोनों बचपन के दोस्त थे, लेकिन इस फिल्म ने उन्हें फिर से एक साथ लाया और विशाल-शेखर की जोड़ी का जन्म हुआ। आज यह जोड़ी बॉलीवुड की सबसे सफल संगीतकार जोड़ियों में से एक है।जहां प्राजक्ता ने अपनी मधुर आवाज से अलग पहचान बनाई, वहीं शेखर ने अपनी धुनों, गायकी और आधुनिक संगीत शैली से दर्शकों को प्रभावित किया।आईएएनएस

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