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निमोनिया दिवस पर जानकारी देते डॉ बीपी त्यागी
गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता
विश्व निमोनिया दिवस हर साल 12 नवंबर को मनाया जाता है विश्व निमोनिया दिवस जिसका उद्देश्य निमोनिया रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इस घातक बीमारी से बचाव के लिए वैश्विक स्तर पर कार्रवाई को प्रोत्साहित करना है। निमोनिया एक गंभीर संक्रमण है जो फेफड़ों को प्रभावित करता है और यह विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक हो सकता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, खांसी, सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द और थकान शामिल हैं। यदि इसका समय पर इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है।
चाइल्ड सर्वाइवल
विश्व निमोनिया दिवस 2025 की थीम है “Child Survival” यानी बच्चों का जीवन रक्षा। यह थीम बच्चों को निमोनिया से बचाने पर केंद्रित है क्योंकि निमोनिया अभी भी 5 साल से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु का मुख्य कारण है। इस थीम के अंतर्गत बच्चों को अच्छा पोषण, साफ हवा, आवश्यक टीकाकरण, एंटीबायोटिक्स और ऑक्सीजन जैसे उपचारों तक जल्दी पहुंच सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया जाता है।इस दिवस को मनाने की शुरुआत 12 नवंबर 2009 को बाल निमोनिया के खिलाफ वैश्विक गठबंधन द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य निमोनिया से होने वाली मौतों को कम करना, रोकथाम और इलाज के तरीकों के प्रति जागरूकता फैलाना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य स्वास्थ्य संगठन इस दिन को मनाकर निमोनिया के खिलाफ जागरूकता और उपचार की दिशा में कदम उठाते हैं।
बेहद घातक बीमारी
विश्व निमोनिया दिवस का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह बीमारी दुनियाभर में बच्चों और संवेदनशील लोगों की मृत्यु का एक बड़ा कारण है। ऐसे में यह दिवस रोग के जल्दी निदान, इलाज, और रोकथाम के उपायों को बढ़ावा देता है, जिससे जानलेवा परिणामों से बचा जा सके।अतः विश्व निमोनिया दिवस बच्चों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और जागरूकता का माध्यम है, जो निमोनिया से लड़ने के वैश्विक प्रयासों को मजबूत करता है.
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