Advertisment

शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा: आयुर्वेद से करें दांतों की संपूर्ण देखभाल

शरीर के हर जरूरी हिस्से की तरह दांत भी शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो खूबसूरती को बढ़ाने के साथ-साथ पूरे शरीर को ऊर्जा देने का काम करते हैं। ऊर्जा से हमारा तात्पर्य है कि दांतों से ही भोजन की पाचन क्रिया शुरू होती है और भोजन टूटकर पेट में जाता है

author-image
YBN News
teath

teath Photograph: (ians)

नई दिल्ली। दांतों को मोती की तरह चमकदार बनाए रखने के लिए आयुर्वेद कई सरल और प्रभावी उपाय बताता है। आयुर्वेद के अनुसार, दांतों के स्वास्थ्य का सीधा संबंध पाचन तंत्र से होता है। शरीर के हर जरूरी हिस्से की तरह दांत भी शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो खूबसूरती को बढ़ाने के साथ-साथ पूरे शरीर को ऊर्जा देने का काम करते हैं। ऊर्जा से हमारा तात्पर्य है कि दांतों से ही भोजन की पाचन क्रिया शुरू होती है और भोजन टूटकर पेट में जाता है। ऐसे में दांतों के द्वारा किया गया पहला काम पूरे शरीर के लिए जरूरी हो जाता है। दांत और मसूड़े स्वस्थ न हों तो पूरे पाचन और शरीर पर असर पड़ता है।

पूरे शरीर का आधार

आयुर्वेद में दांतों के स्वास्थ्य को पूरे शरीर का आधार माना गया है। दांतों को आयुर्वेद में अस्थि धातु (हड्डी) से जोड़कर देखा गया है। इसमें मसूड़ों को भी महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। अगर पेट खराब रहता है और पाचन शक्ति कमजोर होती है तो सबसे पहले इसका असर दांतों पर देखने को मिलता है। इसके अलावा, जीवनशैली की कुछ आदतें भी दांतों को खराब करती हैं, जैसे दिन में दो बार दातुन न करना, तंबाकू खाना, जिह्वा की सफाई न करना, ज्यादा ठंडा या गर्म खाना और मीठे का सेवन करना और बार-बार कुछ न कुछ खाते रहना।

आयुर्वेद कई सरल और प्रभावी उपाय

दांतों को मजबूत और चमकदार बनाने के लिए लौंग के तेल का इस्तेमाल करना कारगर है। यह मसूड़ों की सूजन कम करता है और दांतों में कीड़े नहीं लगने देता है। इसके साथ ही लौंग का तेल दांतों की सुंदरता को भी बरकरार रखता है।आयुर्वेदिक उपायों के साथ ही आहार में परिवर्तन आना भी जरूरी है। दांतों को स्वस्थ रखने के लिए शरीर में कैल्शियम और प्रोटीन की मात्रा भरपूर होनी चाहिए। कैल्शियम और प्रोटीन मिलकर दांत और मसूड़ों को मजबूती देते हैं। ऐसे में सर्दियों में गुड़, तिल, मूंगफली, मगज के बीज, सूखे मेवे और छेना को आहार में शामिल करें।

प्राकृतिक मंजन-

सरसों के तेल में सेंधा नमक या हल्दी मिलाकर हल्के हाथ से दांतों की मालिश करें। नीम या बबूल की दातुन का इस्तेमाल करें। दांतों की देखभाल के लिए त्रिफला का सेवन लाभकारी रहेगा। इसके लिए रात के समय सोने से पहले गुनगुने पानी में त्रिफला पाउडर लेना चाहिए। त्रिफला पेट से जुड़े रोगों को कम करता है और पाचन की गति को बढ़ाता है। अगर पाचन सही रहेगा तो दांत भी मजबूत रहेंगे। बाजार में मिलने वाले टूथपेस्ट के इस्तेमाल से बचें। नीम की दातुन का प्रयोग करें, या फिर त्रिफला, लौंग, अजवाइन, नीम की छाल और पिप्पली के पाउडर से दांत साफ करें। ये दांतों की चमक को बढ़ाएंगे और साथ ही कैविटी और बदबू की परेशानी को भी दूर करेंगे।

Advertisment

ऑयल पुलिंग:

 सुबह खाली पेट नारियल या तिल का तेल मुंह में भरकर 10-15 मिनट तक घुमाएं और थूक दें। यह मुंह के बैक्टीरिया को खत्म कर प्लाक हटाता है।आयुर्वेद में दांतों की देखभाल के लिए आसान उपाय बताए गए हैं, जिन्हें घर पर किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं। सबसे पहले आता है तेल से कुल्ला करना। इसके लिए नारियल या तिल का तेल सुबह 5-10 मिनट मुंह में घुमाकर कुल्ला कर लें। इससे दांतों में गंदगी नहीं रहेगी और दांत और मसूड़े दोनों स्वस्थ रहते हैं।

(इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"

Advertisment
Advertisment