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ऊर्जा का स्रोत है उबले आलू जिसमें छिपा है सेहत का खजाना, जानिए इसके आयुर्वेदिक गुण

आयुर्वेद में, आलू को अक्सर कंद श्रेणी में रखा जाता है और इसके गुणों को सावधानी से समझने की सलाह दी जाती है। उबले हुए आलू को पचने में हल्का और पोषण से भरपूर माना जाता है।

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YBN News
Boiledpotatoes

Boiledpotatoes Photograph: (ians)

नई दिल्ली। आयुर्वेद में, आलू को अक्सर कंद श्रेणी में रखा जाता है और इसके गुणों को सावधानी से समझने की सलाह दी जाती है। उबले हुए आलू को पचने में हल्का और पोषण से भरपूर माना जाता है। आयुर्वेद की मानें तो जब आलू को उबालकर खाया जाता है, तो इसके फायदे और बढ़ जाते हैं। उबले आलू में मौजूद पोषक तत्व शरीर को ऊर्जा देने के साथ-साथ कई बीमारियों से बचाने में भी मदद करते हैं।

सेहत के लिए फायदेमंद

भारतीय रसोई में सब्जी, पराठा, चाट से लेकर स्नैक्स तक सब में आलू का उपयोग होता है। व्रत में भी लोग आलू से तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि आलू आपकी सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है, खासकर उबले आलू?  इसे संतुलित करने के लिए, आलू को हमेशा कम मसाले, घी या तेल के साथ लेना चाहिए ताकि वात न बढ़े और पाचन ठीक रहे। मधुमेह रोगियों को इसके सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए।

पोषक तत्व:

उबले आलू पोटेशियम, विटामिन सी और बी6 का अच्छा स्रोत हैं। इसकी प्राकृतिक मिठास शरीर के धातुओं (ऊतकों) का पोषण करती है। अगर पोषण की बात करें तो 100 ग्राम उबले आलू में लगभग 87–90 कैलोरी, 20 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 2 ग्राम प्रोटीन और लगभग 2 ग्राम फाइबर होता है। इसके अलावा, इसमें विटामिन सी और पोटैशियम भी भरपूर मात्रा में होता है, जो इम्यूनिटी बढ़ाने, त्वचा को बेहतर बनाने और दिल की सेहत संभालने में मदद करते हैं। खासकर पोटैशियम ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में काफी अहम भूमिका निभाता है। उबला आलू खाने से पेट जल्दी भरता है और लंबे समय तक भूख भी नहीं लगती, जिससे वजन कंट्रोल में मदद मिलती है।

आयुर्वेदिक गुण:

आलू प्रकृति में मधुर (मीठा) होता है, जो वात दोष को शांत करने में मदद करता है, लेकिन अधिक मात्रा में कफ को बढ़ा सकता है। आयुर्वेद में आलू का स्वाद मीठा माना गया है और इसका प्रभाव ठंडा होता है। इसे भारी और थोड़ा तैलीय गुणों वाला माना गया है, इसलिए ज्यादा मात्रा में खाने से कफ और वात बढ़ सकता है, लेकिन संतुलित मात्रा में उबला आलू सात्त्विक, सुपाच्य और शरीर को ऊर्जा देने वाला भोजन माना जाता है। तले हुए आलू की तुलना में उबला आलू आयुर्वेदिक दृष्टि से कहीं ज्यादा हल्का और फायदेमंद माना गया है।

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ऊर्जा का स्रोत:

यह तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है और शरीर को बल देता है।उबले आलू के कई घरेलू उपाय भी हैं। पेट में जलन हो तो इसका हल्का सूप राहत देता है। उबले आलू का पेस्ट चेहरे पर लगाने से त्वचा को नमी मिलती है और चमक बढ़ती है। कमजोरी में उबले आलू में थोड़ी काली मिर्च और नींबू डालकर खाना अच्छा रहता है। बुखार या थकान के समय भी यह पेट पर हल्का पड़ता है और ऊर्जा प्रदान करता है।

हालांकि, उबले आलू को तलने या बहुत मसाले डालने से इसके फायदे कम हो जाते हैं। डायबिटीज वाले लोगों को सीमित मात्रा में ही आलू का सेवन करना चाहिए।

(इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"

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