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पैरों के तलवों में जलन: पित्त दोष बढ़ने का संकेत, जानिए आयुर्वेदिक उपाय

रात में पैरों के तलवों में जलन महसूस होना केवल थकान का परिणाम नहीं, बल्कि यह आयुर्वेद के अनुसार पित्त दोष बढ़ने का संकेत हो सकता है। अत्यधिक मसालेदार भोजन, देर रात तक जागना और तनाव इसकी प्रमुख वजहें हैं।

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YBN News
AlluArjun

AlluArjun Photograph: (ians)

नई दिल्ली। रात में पैरों के तलवों में जलन महसूस होना केवल थकान का परिणाम नहीं, बल्कि यह आयुर्वेद के अनुसार पित्त दोष बढ़ने का संकेत हो सकता है। जब शरीर में पित्त अधिक हो जाता है, तो यह शरीर में गर्मी और जलन जैसी समस्याएं उत्पन्न करता है। अत्यधिक मसालेदार भोजन, देर रात तक जागना और तनाव इसकी प्रमुख वजहें हैं। आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार ठंडे पानी से पैर धोना, घी या नारियल तेल की मालिश करना और त्रिफला या आंवला सेवन करना राहत दे सकता है। साथ ही, हल्का और संतुलित आहार अपनाना जरूरी है।

मुख्य कारण पित्त दोष

मालूम हो कि अक्सर रात के समय कई लोगों को पैरों के तलवों में जलन महसूस होती है। कुछ लोग इसे सिर्फ थकान या गर्म मौसम का असर समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार यह शरीर में पित्त दोष बढ़ने का संकेत है। जब शरीर में पित्त बढ़ जाता है, तो वह निचले अंगों यानी पैरों में जलन पैदा करता है। आयुर्वेद में इसका मुख्य कारण पित्त दोष है, जबकि सहायक वात दोष को बताया गया है। इसलिए इलाज में ठंडक देने वाले, शांत करने वाले और वात-पित्त संतुलित करने वाले उपाय सबसे उपयोगी माने जाते हैं।

इसके लक्षण

इसके लक्षणों में तलवों में चुभन, जलन, रात में गर्मी बढ़ना, पैर भारी लगना या सुन्न पड़ना शामिल हैं। आधुनिक दृष्टि से देखें तो डायबिटीज के कारण नसों की कमजोरी, विटामिन बी12 या आयरन की कमी, लंबे समय तक खड़े रहना, गलत जूते पहनना या मानसिक तनाव जैसी वजहें भी पैरों की जलन का कारण बनती हैं।

हालांकि जीवनशैली में भी कुछ बदलाव जरूरी है। रबर या सिंथेटिक जूते की बजाय कॉटन सैंडल पहनें, योग में शीतली प्राणायाम करें और ध्यान लगाकर मन को शांत रखें। शरीर में विटामिन बी12, आयरन और कैल्शियम का संतुलन बनाए रखें। सारिवाद्यासव, अविपत्तिकर चूर्ण और गंधक रसायन जैसी औषधियां वैद्य की सलाह से ली जा सकती हैं।

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घरेलू उपाय

घरेलू उपायों में सबसे सरल तरीका है कि रात को ठंडे पानी या गुलाब जल में पैर 10 मिनट तक डुबोएं। उसके बाद एलोवेरा जेल, घी या नारियल तेल से तलवों की हल्की मालिश करें। कुछ खास आयुर्वेदिक नुस्खे भी मददगार हैं, जैसे घृतकुमारी (एलोवेरा) जेल में थोड़ा कपूर मिलाकर रात को तलवों पर लगाएं, यह ठंडक और राहत देता है। नीम या खस के पानी से पैर धोना, पुदीना या तुलसी का शरबत पीना और हफ्ते में दो बार त्रिफला पानी से पैरों को धोना भी बहुत असरदार है। अंदरूनी गर्मी कम करने के लिए शतावरी चूर्ण या गिलोय रस सुबह खाली पेट लिया जा सकता है। नारियल पानी और ठंडे फल जैसे सेब, तरबूज, बेल और लौकी पित्त को शांत करते हैं।


 (इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"

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