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नएऔर चावल की चमकखुशबू भले ही लुभावनी लगे, लेकिन सेहत के लिए पुराना चावल ही अच्छा होता है। आयुर्वेद में पुराने चावल को सेहत का खजाना भी कहा जाता है। भारत सरकार का आयुष मंत्रालय बताता है कि आयुर्वेद में कम से कम एक साल पुराने चावल को ही खाने की सलाह दी जाती है। इसका कारण सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि कई वैज्ञानिक और स्वास्थ्य संबंधी फायदे हैं।
पुराना चावल पचने में आसान
आयुर्वेद के अनुसार एक साल तक सही तरीके से रखे चावल में नमी की मात्रा बहुत कम हो जाती है। कम नमी होने की वजह से यह पचाने में बहुत आसान होता है और खाने के बाद पेट भारी महसूस नहीं होता। नए चावल में ज्यादा नमी और स्टार्च होने से कई लोगों को अपच, गैस या भारीपन की शिकायत हो जाती है, जबकि पुराना चावल हल्का और सुपाच्य होता है।
पुराने चावलसे वात-पित्त में फायदा
दूसरा बड़ा फायदा यह है कि पुराना चावल अच्छी तरह पक जाता है। दाने एक-दूसरे से चिपकते नहीं और खिचड़ी, पुलाव या सादा चावल हर रूप में यह स्वादिष्ट और फूलकर तैयार होता है। आयुर्वेद में इसे ‘लघु’ (हल्का) और ‘स्निग्ध’ (चिकना) माना गया है, जो वात-पित्त दोषों को संतुलित करता है।
कब्ज की समस्या में भी फायदेमंद
पुराने चावल के सेवन से कब्ज की समस्या भी कम होती है। खासकर गर्मियों और बरसात के मौसम में नए चावल से परहेज करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि उसमें नमी ज्यादा होने से फंगल इंफेक्शन का खतरा रहता है।
सेहत के लिए बेहद फायदेमंद
पुराना चावल सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। हालांकि कुछ लोगों को सावधानी बरतने या डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही सेवन करना चाहिए। कुछ खास स्वास्थ्य स्थितियों में इसका सेवन हानिकारक हो सकता है। डायबिटीज के मरीजों को चावल खाने से दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। उनका ब्लड शुगर तेजी से बढ़ता है। ऐसे लोगों को पुराना चावल कम मात्रा में और डॉक्टर या डायटीशियन की सलाह से खाना चाहिए। मोटापा या वजन बढ़ने की समस्या वाले लोगों को भी सावधानी बरतनी चाहिए। चावल में कार्बोहाइड्रेट बहुत ज्यादा होता है। ज्यादा मात्रा में खाने से कैलोरी बढ़ती है और वजन बढ़ सकता है।आईएएनएसold rice benefits | healthy lifestyle | healthy lifestyle india | healthy lifestyle tips
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