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Childbirth Photograph: (ians)
नई दिल्ली। प्रसव का समय हर महिला के लिए अत्यंत चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि इस दौरान वह शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से एक नए रूप में जन्म लेती है। दर्द, तनाव और हार्मोनल बदलावों के बीच मां को विशेष देखभाल की जरूरत होती है। प्रसव के दौरान डॉक्टरों और परिवार का सहयोग जरूरी है ताकि मां सुरक्षित महसूस करे। डिलीवरी के बाद भी पौष्टिक आहार, आराम और उचित चिकित्सा देखभाल मां की रिकवरी को तेजी से बढ़ाती है। ऐसे समय में मानसिक सहारा भी बेहद महत्वपूर्ण है, जो नए जीवन की शुरुआत को सहज और सुरक्षित बनाता है।
प्रसव का समय अत्यंत चुनौतीपूर्ण
मालूम हो कि एक नवजात शिशु को जन्म देते समय मां को असहनीय दर्द झेलना पड़ता है। कहा जाता है कि मां को एक साथ 200 हड्डियों के टूटने के बराबर दर्द होता है। शिशु को जन्म देने के बाद मां के शरीर में शारीरिक परिवर्तन तो होते ही हैं, लेकिन साथ ही मानसिक परेशानियों से भी जूझना पड़ता है। ऐसे में एक मां को दोबारा स्वस्थ होने में काफी समय लगता है और शरीर में कई पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। आज हम जानेंगे कि कैसे प्रसव के बाद एक मां या महिला की देखभाल करनी चाहिए।
सूतिकाकाल
माना जाता है कि प्रसव की पीड़ा को झेलकर शिशु को जन्म देना मां के लिए खतरनाक समयहोता है और ऐसे में मां का दूसरा जन्म होता है। आयुर्वेद में प्रसवोत्तर काल को “सूतिकाकाल” कहा जाता है, जिसमें मां को 45 दिन का भरपूर आराम दिया जाता है और इसे पुनर्जन्म काल भी कहते हैं। ऐसे में जैसे नन्हे शिशु की देखभाल की जाती है, वैसे ही मां की देखभाल करनी भी जरूरी होती है। मां को हल्का और पौष्टिक खाना, तेल मालिश, और भरपूर आराम की जरूरत होती है। शिशु को जन्म देने के बाद मां के शरीर में कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, विटामिन डी और बाकी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। ऐसे में मां को पूरी तरह से स्वस्थ करने के लिए इन सभी पोषक तत्वों की कमी को पूरा करना होता है।
आयरन
सबसे पहले बात करते हैं आयरन की। डिलीवरी के समय मां के शरीर से बहुत रक्त बहता है, जिससे शरीर में खून की कमी हो जाती है। ऐसे में गुड़, चुकंदर, पालक और अनार जैसी चीजों का सेवन करना चाहिए। साथ ही पुनर्नवा मंडूर और लौह भस्म जैसे आयुर्वेदिक सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैल्शियम
कैल्शियम की कमी से मां की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और स्तनपान के दौरान शरीर का सारा कैल्शियम शिशु ले लेता है। ऐसे में कैल्शियम की कमी से बचने के लिए मूंगफली, दूध, छैना, और तिल का सेवन करना चाहिए। साथ ही शंख भस्म और अश्वगंधा लेह्य का सेवन भी कर सकते हैं। ये शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करते हैं।
शरीर में थकान और कमजोरी
प्रसव के बाद शरीर में थकान और कमजोरी महसूस होती है, जो बी12 की कमी का संकेत देता है। इसके लिए अंडे, दूध और दही ले सकते हैं और साथ ही त्रिफला घृत का सेवन करना भी लाभकारी रहेगा। प्रसव के बाद मां के शरीर में प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड की पूर्ति करना भी जरूरी है, जो मांसपेशियों को मजबूत करने का काम करती हैं। शरीर की मरम्मत करने के लिए प्रोटीन के रूप में मां को मूंग दाल, दूध और अंडे दिए जा सकते हैं, और इसके साथ ही घी, बादाम और मूंग की दाल भी सेहत के लिए अच्छी रहेगी।
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"
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