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मुनीर का असल मकसद क्या? Gaza में सेना भेजने को तैयार, लेकिन Hamas को दुश्मन मानने से इंकार

पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय शांति मिशन के तहत गाजा में सेना भेजने की तैयार‍ी जताई है, लेकिन साफ कहा है कि उसके सैनिक हमास को निरस्त्र करने में कोई भूमिका नहीं निभाएंगे।

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Ranjana Sharma
Ramesh Gholap7 (14)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: पाकिस्तान ने संकेत दिया है कि वह अंतरराष्ट्रीय शांति मिशन के तहत गाजा में अपनी सेना भेजने के लिए तैयार है। यह जानकारी पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने दी। उन्होंने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान गाजा में सुरक्षाबल तैनात करने को तैयार है, लेकिन उसके सैनिक हमास को हथियार डालने के लिए मजबूर नहीं करेंगे। उनका कहना था कि पाकिस्तान का उद्देश्य केवल शांति स्थापना है।

पाकिस्तानी सैनिक हमास को हथियार डालने के लिए मजबूर नहीं करेंगे

इशाक डार का यह बयान उस समय आया है जब अमेरिकी मध्यस्थता वाले गाजा शांति समझौते पर चर्चा तेज है। इस योजना में मुस्लिम बहुल देशों की सेना से मिलकर एक अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल बनाने का प्रस्ताव शामिल है। डार के मुताबिक, गाजा में सेना भेजने का फैसला प्रधानमंत्री ने फील्ड मार्शल से परामर्श के बाद लिया है। इस्लामाबाद में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में डार ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान केवल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के तय आदेश के तहत ही सेना भेजेगा और पाकिस्तानी सैनिक हमास को निरस्त्र करने में कोई भूमिका नहीं निभाएंगे। उन्होंने कहा कि हमास को हथियार छोड़वाने का मुद्दा पहले रियाद में दो-राज्य समाधान पर हुई वार्ता के दौरान सामने आया था, लेकिन पाकिस्तान ऐसे किसी भी कदम में भाग नहीं लेगा। यह जिम्मेदारी फिलिस्तीनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों की है, हमारा काम केवल शांति स्थापना है, न कि शांति लागू करना।

पाकिस्तान गाजा में शांति सुनिश्चित करने को तैयार

डार ने कहा कि पाकिस्तान गाजा में शांति सुनिश्चित करने को तैयार है, लेकिन ISF का जनादेश और भूमिका पूरी तरह स्पष्ट होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सिद्धांत रूप से पाकिस्तान की भागीदारी को मंजूरी दे दी है, लेकिन यह ISF के दायरे और आदेश पर निर्भर करेगा। इंडोनेशिया पहले ही 20,000 सैनिक देने की पेशकश कर चुका है। पिछले महीने ऐसी अटकलें थीं कि पाकिस्तान को हमास को निरस्त्र करने की जिम्मेदारी दी जा सकती है, जिसके बाद पाकिस्तान में राजनीतिक विरोध बढ़ गया था। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ऐसे सुझावों को आधारहीन और अस्वीकार्य बताया था।

हमास ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया

बीते हफ्ते संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अमेरिका के उस प्रस्ताव को मंजूरी दी, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा संघर्ष समाप्ति योजना का समर्थन करता है। इस प्रस्ताव में आईएसएफ की तैनाती का भी अधिकार शामिल है। पाकिस्तान समेत 13 देशों ने इसके पक्ष में मतदान किया, जबकि रूस और चीन ने मतदान से दूरी बनाई। हालांकि, हमास ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया और अंतरराष्ट्रीय बल की तैनाती की आलोचना की। UNSC प्रस्ताव ISF को गाजा के विसैन्यीकरण के लिए हथियारों और सैन्य ढांचे को नष्ट करने का अधिकार देता है। पाकिस्तान लंबे समय से फिलिस्तीन के मुद्दे पर मुखर रहा है और हमास को आतंकवादी संगठन मानने से इनकार करता रहा है। डार के ताज़ा बयान से यह साफ है कि पाकिस्तान गाजा में ऐसी कोई भूमिका नहीं निभाना चाहता जो उसे फिलिस्तीनी प्रतिरोध के खिलाफ खड़ा कर दे।

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