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Photograph: (ians)
नई दिल्ली। विशेषज्ञों के अनुसार, असमय सफेद बालकेवल उम्र बढ़ने का नहीं, बल्कि शरीर में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी का स्पष्ट संकेत हैं। सफेद बालों का मुख्य कारण मेलेनिन नामक पिगमेंट का उत्पादन कम होना है, जिसके लिए विटामिन B12 (सबसे प्रमुख), विटामिन D, बायोटिन, आयरन और कॉपर जैसे तत्व आवश्यक हैं।
बदलती जीवनशैली
बदलती जीवनशैली और तनाव भरी जिंदगी बीमारियों का कारण बन रही है। कम उम्र में ही स्किन और बालों से जुड़ी परेशानियां होने लगती हैं। आज बच्चों से लेकर युवाओं में जल्दी बाल सफेद होने की परेशानी देखी जा रही है। बाल सफेद होना सिर्फ खराब लाइफस्टाइल का कारण नहीं है, बल्कि ये पोषण की कमी, तनाव और लापरवाही का संकेत देता है। पहले जानते हैं कि बाल क्यों असमय सफेद होते हैं।तनाव कम करें और पर्याप्त नींद लें, क्योंकि तनाव भी मेलेनिन उत्पादन को प्रभावित करता है।
घरेलू उपचार:
आयुर्वेद में बाल सफेद होने की परेशानी को वात दोष, रक्त धातु, हॉर्मोन के असंतुलन और रस धातु से जोड़कर देखा गया है। जब शरीर अंदर से स्वस्थ होता है, तो बाल और स्किन दोनों ही चमकदार होते हैं। नारियल तेल और आंवला पाउडर या करी पत्ते का नियमित उपयोग करें।आयुर्वेद में सफेद बालों की परेशानी को कम करने के लिए कई जड़ी-बूटियों को लाभकारी बताया है। इसमें आंवला, ब्रह्मी, जटामांसी, करी पत्ता, भृंगराज, गुड़हल, मुलेठी और नीम का पाउडर शामिल है। डॉक्टरी परामर्श के साथ अगर इन जड़ी-बूटियों का सेवन किया जाए, तो सफेद बाल होने की परेशानी को रोका जा सकता है।ये सभी जड़ी बूटियां बालों की जड़ों को पोषित करती हैं और प्राकृतिक तरीके से उन्हें रंग भी देती हैं।
आहार में सुधार:
विटामिन B12, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ (जैसे आंवला, काली किशमिश, करी पत्ता, दूध, दही, अंडे) शामिल करें। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बाल तब सफेद होना शुरू होते हैं जब शरीर में मेलानिन प्रभावित होता है। यह स्किन और बाल दोनों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसके अलावा, विटामिन बी12, आयरन की कमी, नींद आने में परेशानी होना, तनाव लेना, सिर दर्द की परेशानी लगातार होना और आंखों की रोशनी कम होना भी बालों के सफेद होने का कारण होते हैं।
आयुर्वेदिक उपायों के अलावा शरीर को भीतर से ठीक करने की भी जरूरत होती है। शरीर का आंत का साफ होना और रक्त का शुद्ध होना बालों का स्वास्थ्य दर्शाता है। शरीर की अंदरूनी सफाई के लिए रोजमर्रा की दिनचर्या में बदलाव की जरूरत होती है। इसके लिए सुबह गुनगुना पानी पीना, आंवला का सेवन करना, नाश्ते में फलों का सेवन करना, भुने काले तिल का सेवन करना, सुबह की धूप लेना और हफ्ते में कम से कम दो बार गुनगुने तेल से मालिश करना चाहिए। ये तरीके शरीर को अंदर से पोषण देंगे।
बालों को सही पोषण
बालों को सही पोषण देने के लिए घर पर आसानी से पोषक तत्वों से भरपूर तेल भी बना सकते हैं, जिसे पोटली तेल कहा जाता है। इसमें अपने पसंदीदा तेल में करी पत्ता, भृंगराज, गुड़हल, नीम, मेथी दाना और आंवला को सूती पोटली में बांधकर तेल में तब तक उबालें जब तक उसका रंग गहरा न हो जाए। तेल को छानकर इस्तेमाल करें और हफ्ते में दो बार लगाएं। इससे बालों को मजबूती मिलेगी।
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"
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