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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: सर्दियों के मौसम में लोग अमरूद बड़े ही चाव से खाते हैं। अमरूद सेहत के लिए बहुत गुणकारी होता है। आयुर्वेद में इसे 'हृदय-हितकर फल' कहा गया है। वहीं आधुनिक विज्ञान भी इस बात की पुष्टि करता है कि अमरूद में ऐसे कई पोषक तत्व होते हैं जो हृदय को मजबूत बनाते हैं, शरीर में संतुलन लाते हैं और कई गंभीर बीमारियों से बचाव करते हैं।
वात, पित्त और कफ तीनों को संतुलित करने की क्षमता
यह फल न केवल स्वाद में बेहतरीन है बल्कि इसमें मौजूद विटामिन-सी, फाइबर, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स हमारे शरीर के अंदर एक सुरक्षा कवच की तरह काम करते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, अमरूद त्रिदोष नाशक फल माना गया है, यानी यह वात, पित्त और कफ तीनों को संतुलित करने की क्षमता रखता है। इसका रस पाचन को सुधारता है और हृदय की कार्यक्षमता को बढ़ाता है। वहीं वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो इसमें मौजूद सॉल्युबल फाइबर शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। यह फाइबर हमारे पाचन तंत्र में जाकर अतिरिक्त वसा और कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकाल देता है, जिससे रक्त वाहिकाओं में रुकावट नहीं बनती और रक्त का प्रवाह सहज बना रहता है। इसी कारण अमरूद को प्राकृतिक रूप से 'कोलेस्ट्रॉल कंट्रोलर' कहा जा सकता है।
हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है
इसके अलावा, इसमें पेक्टिन नामक तत्व होता है जो धमनियों में जमा प्लाक को बनने से रोकता है और हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है। अमरूद में मौजूद पोटैशियम तत्व ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है। यह शरीर में सोडियम की अधिकता को संतुलित कर देता है और ब्लड वेसल्स को रिलैक्स करता है। इससे रक्त प्रवाह सुचारू रहता है और दिल पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता। यही कारण है कि जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है, उनके लिए अमरूद एक नेचुरल थेरेपी जैसा फल साबित हो सकता है।
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है
अमरूद के अंदर मौजूद विटामिन-सी और लाइकोपीन हमारे शरीर में बनने वाले हानिकारक फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं। ये वही फ्री रेडिकल्स हैं जो धीरे-धीरे हमारी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाकर दिल की बीमारियों, ब्लॉकेज और इंफ्लेमेशन जैसी परेशानियों को पैदा करते हैं। अमरूद का रोजाना सेवन न केवल इनसे सुरक्षा देता है, बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।
ब्लड शुगर को अचानक बढ़ने नहीं देता
डायबिटीज यानी मधुमेह और दिल की बीमारियों का रिश्ता गहरा होता है। अगर शुगर लेवल बार-बार बढ़ता है, तो उसका सीधा असर दिल पर पड़ता है। अमरूद का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने के कारण यह ब्लड शुगर को अचानक बढ़ने नहीं देता। इसमें मौजूद फाइबर शर्करा के अवशोषण की गति को धीमा करता है, जिससे डायबिटीज कंट्रोल में रहती है और दिल सुरक्षित रहता है।
अमरूद कम कैलोरी वाला, लेकिन फाइबर से भरपूर फल
वजन भी दिल की सेहत से जुड़ा एक बड़ा पहलू है। मोटापा बढ़ेगा तो हृदय पर बोझ बढ़ेगा। अमरूद कम कैलोरी वाला, लेकिन फाइबर से भरपूर फल है। इसे खाने से पेट देर तक भरा रहता है, जिससे बार-बार भूख लगने या अनहेल्दी चीजें खाने की इच्छा कम होती है। यही कारण है कि वजन कम करने वालों के लिए यह फल एक नेचुरल सपोर्ट सिस्टम की तरह काम करता है।
इनपुट-आईएएनएस
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