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Lucknow में Chaitra Navratri की धूम, मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़, जयकारों से गूंज रहे देवालय

चैत्र नवरात्र की शुरुआत रविवार को मां शैलपुत्री की पूजा और घट स्थापना के साथ हुई। मंदिरों में मां का विशेष श्रृंगार किया गया, वहीं घरों में भक्तों ने व्रत और उपासना के साथ देवी आराधना की।

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Abhishek Mishra
Chaitra Navratri celebrated Lucknow

लखनऊ के प्रमुख देवी मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी हैं।

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

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चैत्र नवरात्र की शुरुआत रविवार को मां शैलपुत्री की पूजा और घट स्थापना के साथ हुई। मंदिरों में मां का विशेष श्रृंगार किया गया, वहीं घरों में भक्तों ने व्रत और उपासना के साथ देवी आराधना की। इस बार नवरात्र आठ दिन के होंगे, जो 30 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेंगे।नवरात्रि के नौ दिनों तक पूरे शहर में देवी भजनों की गूंज सुनाई देगी और मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा विशेष इंतजाम किए गए हैं।

प्रमुख देवी मंदिरों में भक्तों का लगा तांता 

लखनऊ के प्रमुख देवी मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी हैं। चौक स्थित छोटी कालीजी और बड़ी कालीजी मंदिर, शास्त्रीनगर का दुर्गा मंदिर, संतोषी माता मंदिर, संदोहन देवी मंदिर, भुईयन देवी मंदिर, बख्शी का तालाब स्थित चंद्रिका देवी मंदिर, 51 शक्ति पीठ और इटौंजा के मां पूर्वी देवी मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। भूतनाथ मंदिर में भी सुबह से ही भक्तों की भीड़ लग गई है। शनिवार को मंदिरों में विशेष तैयारियां पूरी की गईं। पूजन सामग्री, फलाहार और व्रत अनाज की खरीदारी देर रात तक चलती रही। इस दौरान फलों, मेवों, सिंघाड़े और कुट्टू के आटे के दामों में बढ़ोतरी भी देखी गई।

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सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, घट स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5:59 से 10:07 बजे तक था। अभिजित मुहूर्त 11:46 से 12:36 बजे तक रहा। इस बार नवरात्र की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग में हुई, जो 30 मार्च की शाम 4:35 बजे से अगले दिन सुबह 6:12 बजे तक प्रभावी रहेगा। इसके साथ ही, इंद्र योग और रेवती नक्षत्र भी इस दिन विशेष संयोग बना रहे हैं।

नवरात्रि भर होंगे भव्य आयोजन और विशाल भंडारे

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चंद्रिका देवी मंदिर में सुबह कलश पूजन और दुर्गा सप्तशती पाठ के साथ अनुष्ठान प्रारंभ हुआ, जहां नवरात्रि भर भव्य आयोजन और विशाल भंडारे की व्यवस्था की गई है। कालीबाड़ी मंदिर में बंगाली समाज द्वारा पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ दुर्गा पूजन की शुरुआत हुई। मनकामेश्वर मंदिर में अखंड रामायण पाठ का आयोजन किया गया है, जबकि रात्रि में विशेष देवी जागरण होगा। हनुमान सेतु मंदिर में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विशेष पूजा की जा रही है, जहां भक्तों के लिए विशेष श्रृंगार दर्शन की व्यवस्था की गई है। वहीं, अलीगंज हनुमान मंदिर में सप्तशती पाठ, महाआरती और श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण किया जा रहा है।

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