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घातक बीमारियों पर नियंत्रण के लिए 1 अप्रैल से अभियान का आगाज
डेंगू, मलेरिया, जापानी इंसेफलाइटिस और दिमागी बुखार जैसी घातक बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने 1 अप्रैल से विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य मौसमी बीमारियों पर रोक लगाना और लोगों को जागरूक करना है। अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग के अलावा कुल 13 विभागों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है, जिससे अधिक प्रभावी रूप से इन बीमारियों की रोकथाम की जा सके।
एक माह तक चलेगा अभियान
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार संचारी रोग नियंत्रण अभियान का पहला चरण 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता, फॉगिंग और दवा छिड़काव जैसी गतिविधियों को तेज किया जाएगा। अभियान के तहत आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम और स्वास्थ्य कर्मियों की टीम घर-घर जाकर लोगों को स्वच्छता और बीमारियों से बचाव के बारे में जागरूक करेगी। इसके साथ ही दस्तक अभियान भी शुरू किया गया है। जिसके तहत स्वास्थ्य कर्मी उन इलाकों में विशेष रूप से काम करेंगे, जहां पहले संक्रामक बीमारियों के मामले अधिक पाए गए हैं। दस्तक अभियान के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता बुखार, उल्टी, सिरदर्द, कमजोरी और अन्य लक्षणों की जांच करेंगे और संदिग्ध मामलों को तुरंत चिकित्सा सहायता दिलाने की प्रक्रिया अपनाएंगे।
एम्बुलेंस सेवाओं और रिस्पांस टाइम में बड़ा सुधार
आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने 125 नई एडवांस लाइफ सपोर्ट (ALS) एम्बुलेंस बेड़े में शामिल की हैं। इसके साथ ही, अब प्रदेश में ALS एम्बुलेंस की कुल संख्या बढ़कर 375 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2017 से पहले 108 एम्बुलेंस सेवा का औसतन रिस्पांस टाइम 16.40 मिनट था, जिसे घटाकर 7.7 मिनट कर दिया गया है। इसी तरह, 102 एम्बुलेंस सेवा का औसत रिस्पांस टाइम 9.5 मिनट से घटकर अब 6.25 मिनट हो गया है। अधिकारियों का दावा है कि तेज एम्बुलेंस सेवा के कारण हजारों मरीजों को समय पर इलाज मिल सका है, जिससे उनकी जान बचाई जा सकी।
समन्वित प्रयासों से बीमारी रोकने पर जोर
स्वास्थ्य विभाग के साथ नगर निगम, पंचायती राज, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, पशुपालन और अन्य विभाग इस अभियान में सहयोग कर रहे हैं। सरकार का कहना है कि समन्वित प्रयासों के बिना संक्रामक बीमारियों को पूरी तरह नियंत्रित करना संभव नहीं है। इसलिए इस बार सभी विभागों को एकजुट कर अभियान को व्यापक रूप दिया गया है।
आसपास बनाए रखें स्वच्छता
अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखें, रुके हुए पानी को जमा न होने दें और किसी भी संक्रामक बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं। अभियान के तहत स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में भी विशेष जागरूकता सत्र आयोजित किए जाएंगे ताकि बच्चों और अभिभावकों को स्वच्छता और स्वास्थ्य से जुड़ी जरूरी जानकारियां मिल सकें।
हर नागरिक को सुरक्षित और स्वस्थ बनाना
इस अभियान का मकसद सिर्फ बीमारी का इलाज ही नहीं बल्कि इसे जड़ से खत्म करना है। पिछले वर्षों में किए गए प्रयासों से संक्रामक बीमारियों के मामलों में कमी आई है, लेकिन अब इसे पूरी तरह खत्म करने के लिए सरकार और अधिक प्रभावी तरीके से कार्य कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस अभियान में जनता भी सक्रिय रूप से भाग लेती है और स्वास्थ्य नियमों का पालन करती है, तो आने वाले वर्षों में डेंगू, मलेरिया, जापानी इंसेफलाइटिस जैसी बीमारियों को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है।