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डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भगवान महावीर की प्रतिमा का किया शिलान्यास
लखनऊ में जैन समाज के ऐतिहासिक आयोजन के तहत भगवान महावीर की प्रतिमा और गणिनी आर्यिका ज्ञानमती कीर्तिस्तंभ का शिलान्यास किया गया। यह कार्यक्रम डालीगंज पुल क्षेत्र में संपन्न हुआ। इसमें प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उनके साथ राज्यमंत्री जसवंत सिंह सैनी, विधायक नीरज बोरा और स्वामी रवींद्र कीर्ति जी महाराज भी उपस्थित रहे।
भगवान महावीर का संदेश आज भी प्रासंगिक
इस मौके पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा की भगवान महावीर का संपूर्ण जीवन मानवता के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। भगवान महावीर का जियो और जीने दो का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना हजारों वर्ष पहले था। यदि हम इसे अपने जीवन में आत्मसात करें, तो समाज में शांति, सद्भाव और प्रेम बना रहेगा। डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि भगवान महावीर ने हमें अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य और ब्रह्मचर्य जैसे सिद्धांतों का पालन करने की सीख दी है, जो हर व्यक्ति के जीवन को श्रेष्ठ बना सकते हैं।
अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा परिषद ने किया आयोजन
इस भव्य कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा परिषद (उत्तर प्रदेश प्रांत) द्वारा किया गया। समाज के अनेक गणमान्य लोगों, संतों और श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। पूरे विधि-विधान के साथ भूमि पूजन एवं शिलान्यास की प्रक्रिया पूरी की गई। कार्यक्रम में आए अतिथियों ने कहा कि यह प्रतिमा और कीर्तिस्तंभ न केवल जैन समाज के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा का केंद्र होगा।
2012 में क्षतिग्रस्त हुई थी प्रतिमा
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इस अवसर पर 2012 की उस घटना का भी जिक्र किया। जब कुछ असामाजिक तत्वों ने इस स्थान पर स्थापित भगवान महावीर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया था। उन्होंने कहा कि जैन समाज के लोगों ने अथक प्रयास कर राजस्थान से कुशल कारीगरों को बुलाया और मूर्ति को फिर से ठीक कराया। उन्होंने इस आयोजन की सफलता के लिए जैन समाज के समस्त लोगों को बधाई दी और कहा कि प्रदेश सरकार समाज की आस्था से जुड़े स्थलों की रक्षा और संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है।
श्रद्धालुओं में दिखा उल्लास
भगवान महावीर की प्रतिमा के शिलान्यास को लेकर जैन समाज में खासा उत्साह देखने को मिला। बड़ी संख्या में श्रद्धालु और भक्त इस आयोजन का हिस्सा बने। पूरे क्षेत्र को आकर्षक ढंग से सजाया गया था, और भक्ति गीतों के साथ धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किए गए।कार्यक्रम के अंत में समाज के प्रतिनिधियों ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर आभार प्रकट किया।