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साइबर जागरूकता कार्यशाला का डीजीपी ने किया शुभारंभ, बोले -लालच फंस कर लोग हो रहे साइबर अपराध के शिकार

मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में शनिवार को आयोजित साइबर जागरूकता कार्यशाला का शुभारंभ डीजीपी राजीव कृष्ण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया। उन्होंने कहा कि लोग लालच, डर और लापरवाही के कारण साइबर अपराध का शिकार हो रहे हैं।

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Shishir Patel
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साइबर जागरूकता कार्यशाला का शुभारंभ करते डीजीपी राजीव कृष्ण।

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी के मेरठ जिले में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के नेताजी सुभाष चन्द्र प्रेक्षाग्रह में आयोजित साइबर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन शनिवार को हुआ। पुलिस मुख्यालय से पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। उन्होंने कहा कि अधिकांश लोग लालच, डर और लापरवाही से आर्थिक अपराध के शिकार हो रहे हैं। 

डीजीपी की तीन सलाह – तुरंत 1930 डायल करें, गोल्डन टाइम में रिपोर्ट करें

आर्थिक अपराध के पीड़ित को तीन उपाय तत्काल करना चाहिए, जिसमें पहला साइबर अपराधियों के शिकार होने पर तुरंत 1930 डायल करना, दूसरा गोल्डन टाइम में रिपोर्ट करना और तीसरा सही तथ्यों को भरना। डीजीपी ने कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले सभी प्रतिभागियों का पुलिस की तरफ से स्वागत करते हुये कहा कि मैंने प्रदेश स्तर पर जिन 10 प्राथमिकताओं को चिह्नित किया था, उनमे साइबर क्राइम एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता है।

डिजिटल अरेस्ट एक उभरता हुआ साइबर अपराध 

 वर्तमान परिदृश्य में समाज का ऐसा कोई भी वर्ग शायद ही बचा हो जो साइबर क्राइम से प्रभावित न हुआ हो। हमारे स्कूली बच्चे साइबर बुलिंग का शिकार होते हैं। महिलाएं व बालिकाएं साइबर स्टाकिंग एवं अन्य महिला केन्द्रित साइबर अपराध का शिकार होती है। डिजिटल अरेस्ट एक उभरता हुआ साइबर अपराध है, जिससे समाज के विभिन्न सभ्रान्त वर्गों के नागरिक शिकार हुए है। लोगों ने अपने जीवन भर की कमाई इसमे गवां दी है। साइबर क्राइम से बचाव के लिए मजबूत पासवर्ड और अपडेट सॉफ्टवेयर, अधिकारियों को तुरंत रिपोर्ट करना और सरकारी संगठन की स्ट्रेटेजी जैसे पब्लिक अवेयरनेस कैंपेन और कानून लागू करने वाली ट्रेनिंग जैसे तरीकों को मिलाकर निपटा जाना चाहिए। 

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बच्चों पर पड़ रहा आॅनलाइन गेमिंग का दुष्प्रभाव 

डीजीपी ने बच्चों को आॅन लाइन गेमिंग के दुष्प्रभाव के बारे में बताते हुये यह भी कहा कि आज के युग में सोशल मीडिया नशे की लत की तरह युवाओं को अपनी गिरफ्त में ले रहा है, इसके लिये हमे और अधिक सतर्क एवं जागरूक रहने की आवश्यकता है। उप्र. पुलिस ने थानों के हेल्प डेस्क को व्यवसायिक रूप से दक्ष बनाये जाने का प्रयास चल रहा है, जिसके फलस्वरूप पिछले दो माह में साइबर अपराध से सम्बन्धित 24 प्रतिशत धनराशि फ्रीज करायी गयी है। 

कार्यशाला में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने लिया भाग 

इस कार्यशाला में व्यापारी संगठन के पदाधिकारी एवं सदस्यगण, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के स्नातक/परास्नातक छात्राएं, गार्गी कालेज की छात्राएं, केएल इंटरनेशनल की छात्राए, बीडीएस स्कूल की छात्राएं व अन्य स्कूलों एवं कॉलेजों की छात्र एवं छात्राओं ने प्रतिभाग किया गया।इस अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशक, मेरठ जोन भानु भास्कर, पुलिस उपमहानिरीक्षक मेरठ परिक्षेत्र कलानिधि नैथानी, प्रभारी कुलपति हरेकृष्ण जी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मेरठ विपिन टाडा एवं चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के मिशनशक्ति के प्रभारी प्रोफेसर बिन्दु शर्मा उपस्थित रहे।

डीजीपी ने कानपुर के विजिलेंस भवन का किया वर्चुअली शिलान्यास 

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विजिलेंस भवन का शुभारंभ करते डीजीपी।

डीजीपी राजीव कृष्ण ने शनिवार को कानपुर में उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेन्स) के प्रस्तावित नए कार्यालय भवन का वर्चुअल शिलान्यास किया।यह बहुमंजिला भवन कानपुर नगर के ग्राम बगदौधी कछार में दो हजार वर्ग मीटर भूमि पर बनाया जाएगा और इसमें अधिकारियों के कार्यालय, आगन्तुक कक्ष, सतर्कता अधिष्ठान थाना, गार्द रूम, गोपनीय कार्यालय, प्रधान लिपिक कार्यालय, आंकिक कार्यालय व मीटिंग हाल जैसी सुविधाएं होंगी। इस प्रस्तावित भवन का वर्चुअल शिलान्यास डीजीपी ने लखनऊ मुख्यालय से किया।

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