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प्री-प्राइमरी के 38 लाख बच्चों ने बनाया कीर्तिमान Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश ने शुक्रवार को एक नया कीर्तिमान बनाया। प्रदेश के 50 हजार से अधिक बालवाटिकाओं में 3 से 6 साल के 38 लाख से अधिक बच्चे उत्साह के साथ बाल मेले में पहुंचे। इससे प्रदेश को बाल सशक्तिकरण, रचनात्मकता और नवरंग उमंग से सराबोर हो गया। 75 जिलों में एक साथ आयोजित मेला बच्चों की रचनात्मक क्षमताओं, सामाजिक व्यवहार, आत्मविश्वास और बुनियादी सीखने के स्तर को मजबूत करने पर केंद्रित रहा। गतिविधियों में रंगभेद खेल, चित्रांकन, बौद्धिक खेल, संवेदी गतिविधियां और बच्चों द्वारा संचालित खेल स्टॉल प्रमुख आकर्षण रहे।
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आनंदमय शिक्षा के लिए बाल मेले की पहल
देश में इस समय 38 लाख से अधिक बच्चे बालवाटिकाओं से जुड़कर अपनी स्कूली यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं। बाल मेला इसी यात्रा को आनंदमय बनाने का प्रयास है। सरकार का लक्ष्य आने वाले महीनों में इन केंद्रों को फाउंडेशनल लर्निंग के मॉडल केंद्र के रूप में विकसित करना है, जहां ईसीसीई एजुकेटर और शिक्षकों को संयुक्त रूप से बच्चों की विकासात्मक जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षित किया जाना है।
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उत्साह, सुरक्षा और सहभागिता, सबमें अव्वल
मेले के दौरान बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और पोषण मानकों का विशेष ध्यान रखा गया। जिला प्रशासन, ICDS, बेसिक शिक्षा विभाग और स्थानीय समुदाय की साझा भागीदारी ने आयोजन को उत्सव में बदल दिया।
अभिभावकों में भी इस आयोजन को लेकर गहरा उत्साह था। कई जिलों में अभिभावकों ने बच्चों के प्रदर्शन देखकर अपनी खुशी और गर्व व्यक्त किया।
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बाल शिक्षा में अग्रणी बनने की ओर यूपी
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में बालवाटिकाओं के बच्चों की सामूहिक सहभागिता यह प्रमाण है कि यूपी अब देश में प्रारम्भिक बाल शिक्षा का नेतृत्व करने की स्थिति में है। यह सिर्फ संख्या नहीं, बल्कि अभिभावकों और समुदाय का वह विश्वास है जो योगी सरकार की बाल-केंद्रित नीतियों को और मजबूत कर रहा है।
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फाउंडेशनल स्टेज को मिली नई ऊर्जा
महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी का कहना है कि बाल मेला खेल आधारित सीखने का सबसे शक्तिशाली मंच है। जिस पैमाने पर बच्चों ने भाग लिया है, वह हमारे फाउंडेशनल स्टेज कार्यक्रम को नई ऊर्जा देता है। भविष्य में हम इसे और व्यापक रूप में लागू करेंगे।
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Education News | Bal Mela
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