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मिशन शक्ति की बड़ी सफलता
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित महत्वाकांक्षी “मिशन शक्ति” अभियान के तहत लखनऊ कमिश्नरेट महिला सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लगातार बड़ी कार्रवाई कर रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों तथा पुलिस महानिदेशक के मार्गदर्शन में पुलिस आयुक्त लखनऊ अमरेन्द्र कुमार सेंगर के नेतृत्व में महिला एवं बालिकाओं से जुड़े मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष रणनीति अपनाई गई है।संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय) अमित वर्मा, पुलिस उपायुक्त अपराध कमलेश कुमार दीक्षित, अपर पुलिस उपायुक्त अपराध किरन यादव तथा सहायक पुलिस आयुक्त अपराध सुशील कुमार यादव के नेतृत्व में गठित एक विशेषज्ञ टीम द्वारा ऑपरेशन कन्विक्शन और मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत गंभीर अपराधों में तेजी से कार्यवाही की जा रही है।
मिशन शक्ति: महिला सुरक्षा के लिए एक मजबूत ढांचा
महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से शुरू किए गए मिशन शक्ति 5.0 के तहत लखनऊ पुलिस ने दुष्कर्म व छेड़छाड़ जैसे यौन अपराध,पॉक्सो एक्ट के तहत नाबालिगों से जुड़े जघन्य अपराध,दहेज हत्या और घरेलू हिंसा के मामलों में कठोर और त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को न्यायालयों में दोषसिद्ध करवाने में बड़ी सफलता हासिल की है।यह अभियान महिलाओं और बच्चियों को सुरक्षा का भरोसा दिलाने के साथ ही अपराधियों में भय उत्पन्न करने में बेहद प्रभावी साबित हुआ है।
न्यायिक प्रक्रिया तेज करने के लिए विशेष टीम
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने महिला अपराधों की विवेचना और पैरवी को गति देने के लिए एक दक्ष टीम गठित की, जो समयबद्ध विवेचना,वैज्ञानिक एवं डिजिटल साक्ष्यों का संकलन,समय पर चार्जशीट दाखिल करने,तथा न्यायालय में प्रभावी कानूनी पैरवी सुनिश्चित कर रही है।इस विशेष प्रयास का परिणाम यह हुआ कि कई मामलों में रिकॉर्ड समय में दोषसिद्धि हासिल की गई और गंभीर धाराओं में अभियुक्तों को कठोरतम सजा मिली।
21 अभियुक्तों को त्वरित सजा, महिला सुरक्षा की दिशा में बड़ी उपलब्धि
मिशन शक्ति अभियान के तहत लखनऊ पुलिस ने सितंबर और अक्टूबर 2025 के बीच महिला व बालिका से जुड़े 21 महत्वपूर्ण मामलों में दोषसिद्धि कराते हुए न्यायालयों से कठोर सजा दिलवाई।इन मामलों में दुष्कर्म, अपहरण, छेड़छाड़, पॉक्सो एक्ट, दहेज हत्या, घरेलू हिंसा और गंभीर हमले शामिल थे।इनमें से कई मामलों में 20 वर्ष का कठोर कारावास,10 वर्ष का सश्रम कारावास,7 वर्ष का कारावास,3 वर्ष का कठोर कारावास,तथा कई मामलों में अर्थदंड सहित अल्पावधि कारावास जैसी सज़ाएँ सुनाई गईं।
दहेज हत्या के मामलों में भी अदालत ने 10 वर्ष के सश्रम कारावास सुनाई
आलमबाग, विभूतिखंड, सुशांत गोल्फ सिटी, पारा, गुडम्बा, मोहनलालगंज, कैंट, मलिहाबाद, ठाकुरगंज और अन्य थानों के गंभीर मामलों में न्यायालयों ने कठोर दंड देकर यह स्पष्ट संदेश दिया कि महिला सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा।पॉक्सो एक्ट के तहत नाबालिग बच्चियों के साथ जघन्य अपराध करने वाले कई आरोपियों को 20 वर्ष तक का कठोर कारावास सुनाया गया। दहेज हत्या के मामलों में भी अदालत ने 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड का आदेश दिया।छेड़छाड़, दुष्कर्म के प्रयास और बालिकाओं के अपहरण के मामलों में भी दोषियों को त्वरित सजा दिलाई गई, जिससे अपराधियों में कानून का भय और अधिक दृढ़ हुआ है।
महिला अपराधों पर ‘जीरो टॉलरेंस’ का सख्त संदेश
लखनऊ कमिश्नरेट की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश जाता है कि महिलाओं व बालिकाओं के खिलाफ अपराध करने वालों के लिए किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरती जाएगी।पुलिस की प्राथमिकता त्वरित विवेचना,साक्ष्यों का मजबूत संकलन,और न्यायालय में प्रभावी पैरवी करके दोषियों को कठोरतम दंड दिलाना है।
पुलिस आयुक्त लखनऊ का संदेश
पुलिस आयुक्त अमरेन्द्र कुमार सेंगर ने कहा लखनऊ में महिला सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमारी ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत महिलाओं और बच्चियों के विरुद्ध अपराध करने वालों को कठोरतम सजा दिलाना हमारा संकल्प है। मिशन शक्ति अभियान के माध्यम से हर पीड़िता को शीघ्र व सख्त न्याय दिलाना हमारा ध्येय है।
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