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लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय ने IIRF 2025 में हासिल किया 25वां स्थान Photograph: (YBN)
लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय ने इंडियन इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (IIRF) 2025 में देश के सरकारी विधि महाविद्यालयों में 25वां स्थान हासिल किया है। यह पिछले वर्ष की 32वीं रैंक से एक अहम उछाल है, जो विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता, शोध कार्यों और व्यावहारिक विधि शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
शोध-आधारित शिक्षण प्रयासों का परिणाम
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह सुधार उच्च गुणवत्ता वाली विधि शिक्षा, शोध-आधारित शिक्षण और नवीन विधियों को अपनाने के निरंतर प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि हमने पाठ्यक्रम, बुनियादी ढांचे और छात्र सहभागिता को बेहतर बनाने के लिए निरंतर कार्य किया है, जिसका यह सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है।
IIRF रैंकिंग का महत्व
IIRF भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों की मूल्यांकन प्रणाली है, जिसे Education Post द्वारा शिक्षाविदों, उद्योग विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं के सहयोग से विकसित किया जाता है। यह रैंकिंग शिक्षण गुणवत्ता, शोध कार्य, उद्योग इंटरफेस, प्लेसमेंट, अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण और प्रशासनिक दक्षता जैसे सात प्रमुख मानकों पर आधारित होती है।
शोध और प्लेसमेंट में सुधार का असर
इस बार की रैंकिंग में लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय ने खास तौर पर शोध कार्यों, छात्र प्लेसमेंट और शिक्षण उत्कृष्टता के क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है, जिसके चलते रैंकिंग में सुधार हुआ है। विधि संकाय के अध्यक्ष प्रो. बीडी सिंह ने इस सफलता का श्रेय संकाय के शिक्षकों, शोधकर्ताओं और छात्रों के प्रयासों को देते हुए कहा कि हम विधि शिक्षा को और अधिक व्यावहारिक और शोधपरक बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य विधि संकाय को देश के शीर्ष कानूनी शिक्षण संस्थानों में शामिल करना है।