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लखनऊ विश्वविद्यालय भेषजिक विज्ञान संस्थान में मिर्गी पर सेमिनार Photograph: (YBN)
लखनऊ विश्वविद्यालय भेषजिक विज्ञान संस्थान में एमिनेंट लेक्चर सीरीज के तहत मिर्गी रोग उपचार एवं रोकथाम विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ न्यूरो फिजिशियन डॉ. अतुल अग्रवाल (पूर्व विभागाध्यक्ष, केजीएमयू व सेक्रेटरी, एपिलेप्सी एसोसिएशन यूपी चैप्टर) ने मिर्गी रोग से जुड़ी अहम जानकारियां साझा कीं। उन्होंने बताया कि मिर्गी मानसिक रोग नहीं है, बल्कि यह मस्तिष्क से जुड़ी एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जिससे लाखों लोग प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि नवजात शिशुओं को भी इन्फेक्शन या सिर में चोट के कारण मिर्गी हो सकती है। वहीं 50 प्रतिशत से अधिक मामलों में इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं मिल पाता।
मिर्गी का उपचार संभव अंधविश्वास से बचें
डॉ. अग्रवाल ने मिर्गी से जुड़े अंधविश्वासों पर गहरी चिंता व्यक्त की और स्पष्ट किया कि यह कोई मेडिकल इमरजेंसी नहीं है, बल्कि दवाइयों के माध्यम से इसे प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने स्वस्थ खानपान अपनाने और विशेष रूप से गर्भावस्था के दौरान सावधानियां बरतने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। व्याख्यान के दौरान छात्रों ने इस विषय पर कई जिज्ञासु प्रश्न पूछे। ऋषिका राय ने मिर्गी के कारणों को लेकर सवाल किया, जबकि आलोक ने मिर्गी और अनुवांशिकता के बीच संबंध पर जानकारी चाही। वहीं अनिकेश बघेल ने मिर्गी की सबसे प्रभावी दवा के बारे में पूछा।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ
संस्थान के निदेशक डॉ. पुष्पेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कहा कि ऐसे आयोजन छात्रों को प्रेरित करते हैं और उन्हें चिकित्सा क्षेत्र में नई खोजों के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इस व्याख्यान की संयोजक डॉ. नम्रता सिंह और सह-संयोजक डॉ. आकांक्षा मिश्रा रहीं। कार्यक्रम में शिक्षकों सहित बी. फार्म और डी. फार्म के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।