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जर्मनी से आई महाकुंभ त्रिवेणी के पावन जल की डिमांड Photograph: (YBN)
महाकुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने का सौभाग्य इस बार करोड़ों श्रद्धालुओं को मिला। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। वहीं जो लोग किसी कारणवश इस भव्य आयोजन में शरीक नहीं हो सके, उनके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने त्रिवेणी संगम के पावन जल को ‘महा प्रसाद’ के रूप में सभी 75 जिलों में पहुंचाने की ऐतिहासिक पहल की।
त्रिवेणी के जल की विदेशों में भी मांग
उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ के समापन के बाद प्रदेश के सभी जिलों में संगम के जल को महा प्रसाद रूप में पहुंचाने का निर्णय लिया था। जो किसी कारण वश यहां महाकुंभ में आने से वंचित रह गए। लेकिन अब देश के बाहर भी यही पवित्र गंगा जल भेजने की मांग आई है। जिसकी पहली खेप भी प्रयागराज से भेज दी गई है। प्रयागराज के एन आर एल एम उपायुक्त राजीव कुमार सिंह बताते हैं कि जनपद की जसरा की नारी शक्ति महिला प्रेरणा संकुल स्तरीय समिति की तरफ से त्रिवेणी के गंगा जल की आपूर्ति की जा रही है। इसी क्रम में कांच की 1000 बोतल में त्रिवेणी का पवित्र गंगा जल यहां से जर्मनी भेजा गया है। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी के माध्यम से यह जल विदेश भेजा गया है। जर्मनी से जो श्रद्धालु किसी कारण वश महाकुम्भ नहीं पहुंच सके उनके लिए यह त्रिवेणी का जल भेजा गया है।
महाराष्ट्र से मिला 50 हजार बोतलों का ऑर्डर
प्रदेश सरकार द्वारा महाकुंभ के दिव्य और भव्य आयोजन के समय ही जनपद में बड़े स्तर त्रिवेणी के गंगा जल की पैकेजिंग की शुरुआत महिला स्वयं सहायता समूह की तरफ से हो गई थी। जसरा की नारी शक्ति महिला प्रेरणा संकुल स्तरीय समिति की प्रभारी नमिता सिंह बताती हैं कि महाकुम्भ के आयोजन के बाद अब तक 50 हजार से अधिक बोतल में पैक किया हुआ गंगा जल स्वयं सहायता समूह की उनकी महिलाओं द्वारा भेजा चुका है। हाल ही में उन्होंने नागपुर के शिव शंभू ग्रुप सोसायटी को 50 हजार बोतल त्रिवेणी का जल भेजा है। 500 एम एल की बोतल में यह गंगा जल भेजा गया है। जबकि जर्मनी जो गंगा जल भेजा गया था वह 250 एम एल की बोतल में था।
यूपी के 75 जिलों में पहुंचाया त्रिवेणी का पावन जल
यूपी के सभी 75 जिलों में अग्नि शमन विभाग की तरफ से त्रिवेणी का पावन जल पहले ही पहुंचाया जा चुका है। यह सिलसिला अभी संपन्न चल ही रहा था कि नॉर्थ ईस्ट में असम से निजी टैंकर लेकर परम शिवम शिव मंदिर योगाश्रम, गुवाहाटी के संत राजा रामदास त्रिवेणी संगम पहुंचे थे। सीएफओ प्रमोद शर्मा का कहना है कि राजा रामदास जी ने टैंकर में गंगा जल भरवाने में विभाग का सहयोग मांगा और उनके विभाग ने उनके टैंकरों में जल भरकर उन्हें यहां से असम के लिए रवाना कर दिया गया था।