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पावर कारपोरेशन के खिलाफ नियामक आयोग में अवमानना याचिका दायर Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश में लगाए गए स्मार्ट प्रीपेड मीटरों में गंभीर तकनीकी खामियों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस बीच राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने दावा किया कि 3050 स्मार्ट प्रीपेड मीटर में छेड़छाड़ (क्रिटिकल इवेंट सामने आए हैं। जो बिजली चोरी की ओर इशरा करते हैं। इनमें सबसे ज्यादा मामले पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में हैं। इसके अलावा 27823 मीटरों में करंट उपलब्ध होने के बावजूद वोल्टेज जीरो है।
स्मार्ट प्रीपेड मीटर से भी बिजली चोरी
परिषद के अनुसार, प्रदेश में 36,44,871 स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए गए हैं। इनमें से लगभग 3050 मीटरों में छेड़छाड़ हुई हैं। इनमें मीटर कवर को खोलना, मैग्नेटिक टेंपरिंग, सील तोड़ना या न्यूट्रल मिस करना शामिल हैं। ऐसे मामले बिजली चोरी से जुड़े माने जाते हैं।
18 हजार करोड़ की योजना पर सवाल
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना के लिए केन्द्र सरकार से अनुमोदित धनराशि 18885 करोड़ रुपये है, लेकिन बिजली कंपनियों ने जो टेंडर अवार्ड किया है, वह 27342 करोड़ रुपये का है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर में चीन निर्मित उपकरण लगे हैं। जिसकी उच्च स्तरीय जांच जरूरी है।
मीटरों से छेड़छाड़ के मामले
डिस्कॉम मीटर लगाने वाली कंपनी मीटरों की संख्या
पीवीवएनएल इन टैली स्मार्ट 1814
पीयूवीवीएनएल जीनस 333
एमवीसीएनलए इंटली स्मार्ट 724
मध्यांचल पोलारिस 39
दक्षिणांचल जीएमआर 78
दक्षिणांचल जीन्स 21
किस्को जीनस 41
जीरो वोल्टेज के मामले
पूर्वांचल- पांच
मध्यांचल- 46
दक्षिणांचल- पांच
Smart Prepaid Meter | uprvup
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