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रात में गुजरने वाले ओवरलोड वाहन ।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। एसटीएफ ने ओवरलोड वाहनों को भ्रष्टाचार के जरिए पास कराने वाले एक बड़े सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। टीम ने मंगलवार को मड़ियांव इलाके से दलाल अभिनव पांडेय (सीतापुर) और डंपर चालक कपिल (कानपुर) को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने कई परिवहन अधिकारियों और सहयोगियों के नाम उजागर किए, जिनके खिलाफ बुधवार को मड़ियांव थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया।
रिश्वत लेने के बाद पार करवाते थे शहर की सीमा
सूत्रों के अनुसार, अभिनव पांडेय वाहन मालिकों से प्रति ट्रक सात हजार रुपये वसूलता था, जिसमें से छह हजार रुपये परिवहन विभाग के अधिकारियों को रिश्वत के तौर पर दिया जाता था। आरोपियों ने बताया कि यह व्यवस्था लंबे समय से चल रही थी और इसके चलते ओवरलोड वाहनों को बिना किसी रोक-टोक के शहर की सीमा पार करवा दिया जाता था।
पूछताछ में और परिवाहन विभाग के कई और अधिकारियों का नाम आया सामने
एसटीएफ ने आरोपियों के पास से पांच मोबाइल फोन, एक डायरी, दो रजिस्टर, एक पैनकार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, खनिज के दस्तावेज, टैक्स इन्वॉयस, एक कार और एक डंपर जब्त किए। पूछताछ में लखनऊ परिवहन विभाग के एआरटीओ राजू बंसल, दीवान अनुज व गिरिजेश, पीटीओ मनोज भारद्वाज, पूर्व आरटीओ का चालक विनोद यादव समेत अन्य सहयोगियों के नाम सामने आए।
एसटीएफ ने नौ के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा
एसटीएफ इंस्पेक्टर ज्ञानेंद्र कुमार राय की तहरीर पर नौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इसके अलावा रायबरेली और फतेहपुर की एआरटीओ पुष्पांजलि मित्रा समेत कई फरार आरोपियों की तलाश जारी है। पकड़े गए दलाल मोहित सिंह और ट्रक चालक सुनील यादव को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।एसटीएफ और स्थानीय पुलिस लगातार जांच में जुटी है और मामले के सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
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