/young-bharat-news/media/media_files/2025/11/12/stf-2025-11-12-16-33-21.jpg)
कछुआ तस्कर गिरफ्तार।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने अंतरराज्यीय स्तर पर सक्रिय वन्य जीव तस्करी गिरोह का खुलासा करते हुए मैनपुरी जनपद से दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 197 जीवित प्रतिबंधित प्रजाति के कछुए बरामद किए गए हैं। बरामद कछुओं की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है।
अंधेरे में की गई थी तस्करी की कोशिश
एसटीएफ को बीते दिनों सूचना मिली थी कि प्रतिबंधित प्रजाति के कछुओं की तस्करी करने वाले गिरोह इटावा, मैनपुरी और फिरोजाबाद जिलों में सक्रिय हैं। इस सूचना पर अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ लखनऊ श्री दिनेश कुमार सिंह के पर्यवेक्षण में निरीक्षक शैलेन्द्र कुमार सिंह (एसटीएफ फील्ड इकाई कानपुर) के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। अभिसूचना संकलन के दौरान मुखबिर से जानकारी मिली कि कुछ तस्कर बड़ी संख्या में कछुओं को कार में भरकर मैनपुरी से उत्तराखंड के उधमसिंह नगर ले जाने की फिराक में हैं।
नगला करनाई मार्ग पर छापेमारी
मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ की टीम ने क्षेत्रीय वन अधिकारी किशनी रेंज से समन्वय कर कुसमरा-सौरिख मार्ग पर देर रात वाहन चेकिंग शुरू की।इसी दौरान करीब रात 11:30 बजे एक हुंडई सेन्ट्रो (UK 04 G 1573) कार को रोका गया। तलाशी लेने पर वाहन के अंदर रखे पांच जूट के बोरों में 197 जीवित कछुए बरामद हुए।
गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान इस प्रकार हुई
राकेश कश्यप पुत्र सियाराम कश्यप, निवासी ग्राम वासनदाड़ी, थाना बहेड़ी, जनपद बरेली।मुकेशवाला पुत्र विकासवाला, निवासी शक्तिफार्म, थाना सितारगंज, जिला उधमसिंह नगर (उत्तराखंड)।गिरफ्तारी के दौरान दो अन्य अभियुक्त अशोक पुत्र अज्ञात और कालीचरण पुत्र अज्ञात अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गए।
उत्तराखंड में बेचते थे दुगने दाम पर
पूछताछ में अभियुक्त मुकेशवाला ने बताया कि गिरोह के सदस्य मैनपुरी और आसपास के जिलों से कछुओं को कम कीमत पर खरीदते हैं और उन्हें सितारगंज (उत्तराखंड) ले जाकर दुगने दामों में बेचते हैं। यह तस्करी कई महीनों से चल रही थी और गिरोह के सदस्य प्रतिबंधित प्रजातियों की खरीद-फरोख्त में लिप्त हैं।
वन विभाग को सुपुर्दगी व कानूनी कार्रवाई
एसटीएफ ने बरामद कछुओं और गिरफ्तार अभियुक्तों को वन विभाग मैनपुरी (किशनी रेंज) के सुपुर्द कर दिया है। इनके खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 09, 39, 48, 49बी, 50, 51, 57 तथा भारतीय वन अधिनियम की धारा 52क के तहत मामला दर्ज किया गया है।वन विभाग द्वारा फरार अभियुक्तों की तलाश और तस्करी नेटवर्क की आगे जांच की जा रही है।
एसटीएफ की कार्रवाई बनी चर्चा का विषय
एसटीएफ की इस कार्रवाई से वन्यजीव अपराधियों में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय यह गिरोह दुर्लभ प्रजातियों के कछुओं की तस्करी के लिए विशेष नेटवर्क बनाकर काम करता है। बरामद किए गए कछुओं की किस्म और बाजार मूल्य का आकलन वन्यजीव विशेषज्ञों द्वारा किया जा रहा है।
यह भी पढ़ें: Lucknow Crime:बीकेटी युवक ने फांसी लगाकर दी जान, मचा कोहराम
/young-bharat-news/media/agency_attachments/2024/12/20/2024-12-20t064021612z-ybn-logo-young-bharat.jpeg)
Follow Us