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लखनऊ में मूर्ख दिवस पर लंतरानी का अनोखा रंग Photograph: (YBN)
लखनऊ में मूर्ख दिवस के अवसर पर आयोजित सिग्नेचर कार्यक्रम 'लंतरानी' इस बार भी अपने अनूठे अंदाज में नजर आया। हास्य और व्यंग्य से भरपूर इस कार्यक्रम की परिकल्पना और संचालन सुप्रसिद्ध कवि एवं व्यंग्यकार सर्वेश अस्थाना के द्वारा किया गया। पिछले आठ वर्षों से लगातार आयोजित हो रहा यह कार्यक्रम अब बड़े स्वरूप में पहुंच चुका है और इसकी लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इस आयोजन की खासियत यह है कि इसमें शामिल अतिथियों को एक-एक पर्ची दी जाती है, जिसमें एक अनूठा शब्द लिखा होता है, और उसी के आधार पर सवाल-जवाब किए जाते हैं।
कई प्रतिष्ठित हस्तियां हुईं शामिल
इस बार कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल हुईं, जिनमें उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, मंत्री दिनेश प्रताप सिंह, समाजसेवी अपर्णा यादव, विधान परिषद सदस्य पवन सिंह, लखनऊ की मेयर सुषमा खर्कवाल और पूर्व मंत्री स्वाति सिंह प्रमुख रहे। हर अतिथि को एक पर्ची दी गई, जिसमें एक रोचक शब्द लिखा था, और उसी शब्द के आधार पर उनसे चुटीले सवाल किए गए। जैसे कि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को नीला ड्रम, मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को कटहल, अपर्णा यादव को झंडू बाम, पवन सिंह को कुर्सी, मेयर सुषमा खर्कवाल को हार्पिक और स्वाति सिंह को आईना मिला। इन शब्दों पर आधारित सवालों ने दर्शकों को हंसी से लोटपोट कर दिया।
हास्य-व्यंग्य ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया
कार्यक्रम का सबसे दिलचस्प और यादगार पल तब आया, जब डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को नीला ड्रम की पर्ची मिली। सर्वेश अस्थाना के मजेदार सवालों के जवाब में ब्रजेश पाठक की हाजिरजवाबी ने सभी को चौंका दिया। उनकी फुर्तीली प्रतिक्रियाओं ने यह साबित कर दिया कि वह सिर्फ राजनीति ही नहीं, बल्कि हास्य-व्यंग्य के खेल में भी माहिर हैं। उनकी पर्ची से निकले नीले ड्रम पर उनकी प्रतिक्रिया देखकर वहां मौजूद नम्रता पाठक भी हंसी रोक नहीं पाईं, और उनकी हंसी पूरे माहौल को और भी खुशनुमा बना गई।
ज़ोरू के गुलाम टाइटल ने बढ़ाया मजा
एक और मजेदार क्षण तब आया, जब मुकेश सिंह को उनकी पत्नी रीना सिंह के सामने ‘ज़ोरू के गुलाम’ का टाइटल दिया गया। यह सुनते ही वहां मौजूद सभी लोग ठहाके लगाने लगे और रीना सिंह की खुशी देखने लायक थी। इस चुटीले लम्हे ने कार्यक्रम को और अधिक मनोरंजक बना दिया और दर्शकों को खूब हंसाया।
अब सिर्फ एक इवेंट नहीं लखनऊ की पहचान
लंतरानी सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि लखनऊ की हास्य और व्यंग्य से भरी सांस्कृतिक पहचान बन चुका है। इस कार्यक्रम ने एक बार फिर साबित कर दिया कि लखनऊ सिर्फ नवाबों और तहजीब का शहर ही नहीं, बल्कि हास्य-व्यंग्य की परंपरा का भी अहम केंद्र है। सर्वेश अस्थाना की इस अनूठी पहल ने इस साल भी दर्शकों को भरपूर हंसी और मनोरंजन का अनुभव कराया और मूर्ख दिवस का असली मजा दोगुना कर दिया।