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आपदा की शुरुआत बादल फटना
5 अगस्त 2025 को उत्तरकाशी के धराली गाँव में अचानक बादल फटने से तेज सैलाब आया, जिससे मूल रूप से नदी किनारे बसे मकान और होटल गिर गए।
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पूरे गाँव पर हुआ असर
केवल कुछ ही सेकंड में खीर गंगा नदी उफान पर आ गई, जिससे बाजार, होटल और होमस्टे नदी में बह गए।
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जनहानि और लापता हुए लोग
इस संकट में कम से कम 4 लोग मारे गए, जबकि लगभग 50 से 60 लोग लापता बताये जा रहे हैं। कई मजदूर साइट पर दबे हो सकते हैं।
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मलबा और अधोसंरचना का क्षरण
तेज बाढ़ और मलबे की वजह से कई सड़कें और पुल गिर गए, जिससे गाँव बाहरी दुनिया से कट गया। कई क्षेत्रों में संपर्क मार्ग बंद हो गए।
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भय से दर्दभरे क्षण
जलप्रवाह देखकर कुछ ठहर न सके, चीख‑चिल्लाहट शुरू हो गई। दृश्य इतने भयावह थे कि प्रशासन ने उन्हें साझा किया।
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बचाव प्रयास
DRF, NDRF, पुलिस, प्रशासन, सेना जैसी विभिन्न एजेंसियाँ बचाव कार्यों में जुटी हैं।
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प्रशासन की चेतावनि
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं अन्य अधिकारियों ने सतर्कता संदेश जारी किए और चारधाम यात्रा स्थगित की।
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कारण और भविष्य की तैयारी
भूवैज्ञानिक एस.पी. सती के मुताबिक, यह हादसा पहले से हो सकता था क्योंकि जिस जगह पर बस्ती बसाई गई थी, वह पहले बाढ़ का इलाका था। इग्लोबल वार्मिंग और ज़्यादा बारिश ने इस समस्या को और भी गंभीर बना दिया।
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