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रांची वाईबीएन डेस्क : झारखंड में गुटखा विज्ञापन को लेकर राजनीतिक टकराव गहराता जा रहा है। विपक्ष ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आरोप लगाया है कि वे क्रिकेट मैच में गुटखा विज्ञापन का मुद्दा उठाकर सस्ती राजनीति कर रहे हैं, जबकि खुद गढ़वा में गुटखा कंपनियों के प्रचार को बढ़ावा दे रहे हैं। दावा है कि मुख्यमंत्री की मौजूदगी वाले कार्यक्रम में शिखर और राजश्री पान मसाला के बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए, जिसने पूरे प्रकरण को विवादों के केंद्र में ला दिया है।
. गढ़वा में गुटखा ब्रांडों की मौजूदगी से उठा तूफान
विपक्ष का कहना है कि प्रदेश में गुटखा प्रतिबंध केवल कागजों पर है। गढ़वा में मुख्यमंत्री के मंच के आसपास लगे पान मसाला ब्रांडों के पोस्टर इस बात का सीधा संकेत हैं कि सरकार की नीतियां और वास्तविकता में जमीन-आसमान का फर्क है।
विज्ञापन की अनुमति किसने दी?: प्रशासन पर गंभीर सवाल
नेताओं ने पूछा कि राज्यभर में पान मसाला कंपनियों के पोस्टर किसकी अनुमति से लगे? बीसीसीआई ने इजाजत दी या हेमंत सरकार ने चुपचाप अनुमति जारी की? यह प्रशासनिक लापरवाही है या जानबूझकर की गई अनदेखी—इस पर सरकार चुप है।
चिंता है तो JSCA में बैठे अपने नेताओं पर कार्रवाई करें
विपक्ष ने चुनौती दी कि यदि मुख्यमंत्री को वास्तव में गुटखा विज्ञापन रोकने की चिंता है, तो उन्हें JSCA से जुड़े अपने करीबी नेताओं को नोटिस जारी करना चाहिए। विपक्ष का कहना है कि नशे के खिलाफ लड़ाई में वे साथ हैं, लेकिन सरकार को पहले अपनी दोहरी भूमिका स्पष्ट करनी होगी।
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