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रांची, वाईबीएन डेस्क: मोकामा में दुलारचंद यादव की सरेआम हत्या को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने बिहार सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। पार्टी प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि यह घटना साबित करती है कि बिहार में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है।
चुनाव आयोग और प्रशासन पर उठे गंभीर सवाल
मनोज पांडेय ने कहा कि चुनावी माहौल में जहां हथियार जमा कराने का नियम लागू होता है, वहीं जदयू नेता के काफिले में हथियारों की मौजूदगी चिंताजनक है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर यह सब प्रशासन और चुनाव आयोग की नजरों से कैसे बच गया। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक अनंत सिंह खुद मान रहे हैं कि उनके काफिले में 40 गाड़ियां थीं। इतनी बड़ी संख्या में वाहन और हथियार लेकर चलना कानून व्यवस्था पर सीधा हमला है।
हत्या के बाद गिरफ्तारी नहीं, रोकथाम जरूरी
झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि बिहार पुलिस घटना के बाद गिरफ्तारी दिखाकर वाहवाही लूटने की कोशिश कर रही है, जबकि असली जिम्मेदारी अपराध को रोकने की थी। उन्होंने कहा कि खुलेआम गोलीबारी होना यह दर्शाता है कि प्रशासन की पकड़ ढीली पड़ चुकी है।
लोकतंत्र पर हमला, समाज की आवाज को चुप कराया गया
मनोज पांडेय ने कहा कि दुलारचंद यादव समाज के बड़े वर्ग का प्रतिनिधित्व करते थे और चुनाव में एक प्रत्याशी का समर्थन कर रहे थे। उनकी हत्या लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा प्रहार है। झामुमो ने इसे बिहार के जंगलराज की सबसे बड़ी मिसाल करार दिया है।
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