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रांची। वाईबीएन डेस्क: झारखंड की स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राजधानी रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) को आधुनिक स्वरूप देने के लिए बुधवार को हुई गवर्निंग बॉडी की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक की अध्यक्षता स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने की। मंत्री ने घोषणा की कि रिम्स को 100 नए वेंटिलेटर तुरंत उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि उपकरणों की कमी से किसी भी मरीज की जान न जाए। उन्होंने कहा, “अब सुधार कागज़ों पर नहीं, ज़मीन पर दिखेंगे।”
मानवीय फैसला मृत्यु पर परिजनों को आर्थिक सहायता
बैठक में सांसद संजय सेठ, विधायक सुरेश बैठा, रिम्स निदेशक और अन्य वरिष्ठ सदस्य शामिल हुए। बैठक में एक मानवीय फैसला लेते हुए तय किया गया कि यदि किसी मरीज की मृत्यु रिम्स में होती है तो परिजनों को ₹5000 की सहायता राशि अंतिम संस्कार के लिए दी जाएगी। यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। मंत्री ने कहा कि यह पहल रिम्स को जनहितैषी और संवेदनशील अस्पताल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
डॉक्टरों की उपस्थिति और अनुशासन पर सख्त रुख
स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों की उपस्थिति, ओपीडी अनुशासन, सफाई व्यवस्था और निजी प्रैक्टिस पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि “रोगियों की सेवा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” अगली बैठक में डिजिटल रिकॉर्ड सिस्टम, पेशेंट फेसीलिटेशन सेंटर और नए भवन निर्माण से संबंधित योजनाओं पर चर्चा की जाएगी। “
रिम्स बनेगा जनता की उम्मीदों का अस्पता
डॉ. अंसारी ने कहा कि रिम्स सिर्फ एक अस्पताल नहीं बल्कि झारखंड की जनता की उम्मीदों का केंद्र है। सरकार पारदर्शिता, जवाबदेही और संवेदना के साथ रिम्स को देश के अग्रणी अस्पतालों में शामिल करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा “हमारा लक्ष्य है कि रिम्स को झारखंड का मॉडल हॉस्पिटल बनाकर जनता की उम्मीदों का अस्पताल बनाया जाए।
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