/young-bharat-news/media/media_files/2025/10/23/1761235143096-2025-10-23-21-29-19.jpeg)
रांची वाईबीएन डेस्क: रांची पूरी तरह तैयार है चौथी साउथ एशियन (सैफ) सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 के लिए। 24 से 26 अक्टूबर तक यह प्रतियोगिता बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम, मोराबादी में आयोजित होगी।
15 वर्षों के बाद झारखंड को इतना बड़ा अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन मिल रहा है, जिससे राज्य के खेल पर्यटन को भी नया आयाम मिलेगा।
छह देशों के 206 एथलीट होंगे शामिल
इस बार भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और मालदीव के कुल 206 एथलीट भाग लेंगे।
भारत के 73, श्रीलंका के 63, नेपाल के 27, बांग्लादेश के 20, मालदीव के 15 और भूटान के 8 खिलाड़ियों सहित कुल 254 प्रतिनिधि इस आयोजन का हिस्सा बनेंगे।
तीन दिनों में कुल 37 इवेंट्स आयोजित होंगे। आयोजन एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई), झारखंड ओलंपिक एसोसिएशन (जेओए) और झारखंड सरकार संयुक्त रूप से कर रहे हैं।
उद्घाटन समारोह में झलकेगी झारखंडी संस्कृति
24 अक्टूबर की शाम 6 बजे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चैंपियनशिप का उद्घाटन करेंगे। 500 कलाकारों का दल झारखंड की लोककला, जनजातीय नृत्य और परंपराओं की प्रस्तुति देगा।शहर को व्हेयर कल्चर मिट्स करेज” थीम पर सजाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा झारखंड दक्षिण एशिया के खिलाड़ियों का स्वागत गर्व से कर रहा है। रांची अपनी खेल भावना और संस्कृति दोनों में अद्वितीय है। सभी खिलाड़ी झारखंड की आत्मा को महसूस करें और सौहार्द के दूत बनकर लौटें।”
खेल भावना और अंतरराष्ट्रीय उम्मीदें
जेओए महासचिव मधुकांत पाठक ने बताया कि भारत इस बार 25 से अधिक स्वर्ण जीतने का लक्ष्य लेकर उतरेगा।
उन्होंने कहा
>हमारी टीम का 50% हिस्सा युवा खिलाड़ियों से बना है। यह प्रतियोगिता उन्हें अंतरराष्ट्रीय अनुभव देगी।”
2008 में भारत ने कोच्चि संस्करण में 57 पदक (24 स्वर्ण, 19 रजत, 14 कांस्य) जीते थे।
इस बार भारत के शीर्ष धावक परमजीत सिंह सहित कई खिलाड़ी घरेलू मैदान पर खेलने को लेकर उत्साहित हैं।
अंतिम तैयारियों का निरीक्षण और जोश का माहौल
खेल मंत्री सुदिव्य कुमार ने आज बिरसा मुंडा स्टेडियम का निरीक्षण किया और तैयारियों पर संतोष व्यक्त किया।
खेल विभाग के अधिकारी शशेखर जमुआर और मधुकांत पाठक भी उनके साथ थे।
शहर की सड़कों, इमारतों और चौक-चौराहों को झारखंडी म्यूरल्स, इंस्टॉलेशन और लाइटिंग से सजाया गया है।
शुभंकर “दलमा” और नागपुरी भाषा में बना एंथम दोनों ही झारखंड की आत्मा का प्रतीक हैं।
खेल, संस्कृति और एकता का उत्सव
21 अक्टूबर से खिलाड़ियों का आगमन शुरू हो चुका है। अभ्यास सत्र जोरों पर हैं।
रांची का हर कोना रंग, रोशनी और उत्साह से भर गया है।
यह आयोजन सिर्फ खेल नहीं, बल्कि संस्कृति, एकता और नई पीढ़ी की प्रेरणा का उत्सव बनकर उभर रहा है। विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर, जुनूनी दर्शक और उत्कृष्ट प्रबंधन के साथ रांची तैयार है।
चौथी साउथ एशियन सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 झारखंड को खेल मानचित्र पर नई ऊंचाई देगी
/young-bharat-news/media/agency_attachments/2024/12/20/2024-12-20t064021612z-ybn-logo-young-bharat.jpeg)
Follow Us