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Womens ODI World Cup: भारत से एक कदम की दूरी पर है स्वर्णिम इतिहास, पूरा देश महिला टीम के साथ

महिला विश्व कप में एक नए चैंपियन का ताज पहनाया जाना तय है। तीसरी बार फाइनल में पहुंचने वाली भारत और पहली बार फाइनल में पहुंचने वाली दक्षिण अफ्रीका के बीच दमदार मुकाबला देखने को मिलेगा। दोनों ही टीमें अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर इस मुकाम पर पहुंची हैं।

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Mukesh Pandit
Women's World Cup Final

नवी मुंबई, वाईबीएन डेस्क। भारतीय महिला क्रिकेट एक निर्णायक मोड़ के कगार पर है, जो पुरुषों की 1983 की ऐतिहासिक जीत की याद दिलाता है। हरमनप्रीत कौर की अगुवाई वाली टीम रविवार को नवी मुंबई में महिला विश्व कप फाइनल में दक्षिण अफ्रीका जैसी मजबूत टीम के खिलाफ आईसीसी ट्रॉफी के सूखे को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। विश्व कप के 13वें संस्करण में एक नए चैंपियन का ताज पहनाया जाना तय है। तीसरी बार फाइनल में पहुंचने वाली भारत टीम और पहली बार फाइनल में पहुंचने वाली दक्षिण अफ्रीका के बीच दमदार मुकाबला देखने को मिलेगा। दोनों ही टीमें अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर इस मुकाम पर पहुंची हैं।

सात बार की चैंपियन को हराकर फाइनल में जगह बनाई

वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचने से पहले इस भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए सबकुछ वैसा नहीं था जैसा अब नज़र आ रहा है। लीग मैचों में भारतीय टीम 7 बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया, 4 बार की चैंपियन इंग्लैंड और पहली बार फाइनल में पहुंची द.अफ़्रीका की टीम से हार गई थी। भारतीय टीम ने जिस तरह से इन मैचों को गंवाया उसके बाद इस टीम को कड़ी आलोचनाओं के दौर से गुज़रना पड़ा। 

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सेमीफाइनल में कप्तान हरमनप्रीत कौर ने ऐतिहासिक पारी खेली थी।

'हार के वक्त भी कैसे एकजुट रही टीम'

पिछले 16 साल से टीम इंडिया के उतार-चढ़ाव का एक्टिव गवाह रहीं बेहद अनुभवी 36 साल की कप्तान हरमनप्रीत कहती हैं, "हार के बाद क्या महसूस होता है ये तो हमें अच्छे से पता है। जीत के बाद कैसा महसूस करते हैं, अब यही देखना चाहते हैं और इसके लिए तैयार हैं। उम्मीद करते हैं कि रविवार का स्पेशल दिन हमारे लिए अच्छा रहे। हमने बहुत हार्ड वर्क किया है। उम्मीद करते हैं कि कल सब हम अपना बेस्ट दें, बेस्ट करें और सबकुछ टीम के लिए हो।"

हार-जीत के उतार-चढ़ाव में हम डगमगाए नहीं

हरमन ये भी कहती हैं कि हार-जीत के उतार-चढ़ाव के दौर ने इस टीम को डगमगाने नहीं दिया। कप्तान कहती हैं,"टीम में हम एक बार भी घबराये नहीं. तीन बड़ी हार के बावजूद टीम एकजुट रही। टीम में हम एक-दूसरे के लिए पॉज़िटिव रहे। हम ये बराबर बात करते रहे कि हमारे पास फाइनल में पहुंचने के मौक़े हैं। हम ये भी बात करते रहे कि हमें क्या और इंप्रूव करना है? सब सिर्फ़ एक ही गोल के लिए देख रहे थे (सब कह रहे थे) कि हम कुछ मैच हारेंगे, कुछ जीतेंगे. लेकिन हम सब पॉज़िटिव रहे। इंप्रूव करते रहे। एक-दूसरे के साथ रहकर अगले मैचों को जीतने की सोचते रहे।"

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दक्षिण अफ्रीकी टीम, कैसा होगा फ़ाइनल?

द.अफ्रीका पहली बार वर्ल्ड कप का फाइनल खेल रही है, परंतु ये एक मज़बूत टीम नज़र आती है। लीग में द. अफ्रीका से हार के बाद फाइनल मैच को लेकर कप्तान हरमन कहती हैं, "देखिए, हालांकि उनका स्टार्ट अच्छा नहीं रहा था, लेकिन उन्होंने शानदार क्रिकेट खेली है। वो एक बैलेंस्ड (संतुलित) साइड है। उनके पास अच्छा बॉलिंग अटैक है। बैटिंग में भी डेप्थ है। हमारी टीम में भी बहुत सारे पॉज़िटिव हैं। हमारी टीम भी खुद को मेंटली और फिज़िकली तैयारी करते हुए आ रहे हैं। कल का मैच का फी दिलचस्प रहने वाला है। मुझे लगता है हमारी टीम कल के मैच का लुत्फ उठाएगी।"  

Woman Word Cup Final

इन खिलाड़ियों पर होंगी नज़रें

शेफ़ाली वर्मा को इस विश्व कप में वाइल्ड कार्ड एंट्री मिली है। प्रतिका रावल के चोटिल होने के बाद उन्हें घरेलू T20 प्रतियोगिता से सीधे विश्व कप में शामिल किया गया। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ उन्होंने शुरुआत में कुछ आकर्षक शॉट खेले, और अब भारत उनसे मज़बूत शुरुआत की उम्मीद करेगा। शेफ़ाली का पिछला वनडे अर्धशतक जुलाई 2022 में आया था, लेकिन वह साउथ अफ़्रीकी गेंदबाज़ों को अच्छी तरह जानती हैं। 2022 विश्व कप में उन्होंने उनके ख़िलाफ़ 46 गेंदों पर 53 रन बनाए थे, और 2024 में इसी गेंदबाज़ी आक्रमण के ख़िलाफ़ एक दोहरा शतक भी जड़ा था। अब उनके पास एक और बड़ी पारी खेलकर टीम में स्थाई जगह पक्की करने का सुनहरा मौक़ा है।

नडीन डी क्लर्क ने भारत के ख़िलाफ़ इस विश्व कप में अपनी धमाकेदार पारी (54 गेंदों पर नाबाद 84 रन) से सबको चौंका दिया था, और तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। इस टूर्नामेंट में उनके नाम 10 सिक्सर हैं, जो ऋचा घोष के साथ संयुक्त रूप से सर्वाधिक हैं। वह औसतन हर 4.8 गेंद पर एक बाउंड्री मारती हैं। उनका स्ट्राइक रेट 136.69 का है, जो इस विश्व कप में सबसे बेहतर है। गेंदबाज़ी में उनके ऑफ़-कटर और अन्य विविधता भी भारत के लिए चुनौती बन सकती हैं।

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