बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच एक और दिल दहला देने वाली घटना ने राज्य की सियासत को हिला दिया है। मोकामा के बाद अब भोजपुर जिले के आरा में पिता-पुत्र की निर्मम हत्या ने कानून-व्यवस्था को लेकर नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। इस घटना पर राजद नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधे निशाने पर लिया है। उन्होंने NDA सरकार पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर प्रधानमंत्री अपने भाषणों में "जंगलराज" की बात करते हैं, तो उन्हें इन घटनाओं पर भी बोलना चाहिए।
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर प्रधानमंत्री को टैग करते हुए लिखा कि “आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, क्या आपको पता है कि आरा में प्रमोद कुशवाहा और उनके बेटे प्रियांशु की सत्ता-प्रेरित अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी? कृपया अपने भाषण में जंगलराज का जिक्र अवश्य करें। आपके प्रत्याशी खूब खून-खराबा कर रहे हैं।”
तेजस्वी के इस बयान के बाद राजनीतिक माहौल और गरमा गया है। विपक्ष अब लगातार NDA सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है, जबकि बीजेपी इसे चुनावी साजिश करार दे रही है।
क्या है आरा का पूरा मामला
भोजपुर जिले के उदवंतनगर प्रखंड के कसाप गांव निवासी प्रमोद कुशवाहा (45 वर्ष) राष्ट्रीय लोक मोर्चा के कार्यकर्ता बताए जा रहे हैं। वे पेशे से राजमिस्त्री थे और कस्बे में मिठाई की दुकान चलाते थे। गुरुवार देर रात उन्हें किसी ने फोन कर घर से बुलाया। वे अपने बेटे प्रियांशु (22 वर्ष) के साथ बाइक से निकले, लेकिन दोनों की लाशें शुक्रवार सुबह बेलघाट गांव के पास सड़क किनारे बरामद हुईं। दोनों के शरीर पर कई गोलियों के निशान मिले हैं। पुलिस ने घटनास्थल से खाली कारतूस और उनकी बाइक जब्त की है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हत्या के पीछे चुनावी रंजिश की आशंका जताई जा रही है। भोजपुर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
‘जंगलराज’ पर सियासी घमासान
बिहार की सियासत में ‘जंगलराज’ शब्द हमेशा से एक संवेदनशील मुद्दा रहा है। NDA अक्सर राजद शासनकाल के अपराधों को याद दिलाकर इसे चुनावी हथियार बनाता रहा है। लेकिन इस बार तेजस्वी यादव ने उसी शब्द को NDA पर पलटवार के रूप में इस्तेमाल किया है। उन्होंने लगातार बढ़ते अपराधों को नीतीश-मोदी सरकार की नाकामी बताते हुए कहा कि जनता अब “डबल इंजन” नहीं, बल्कि “डबल एक्सीडेंट सरकार” देख रही है।
बढ़ते अपराध और बिगड़ता माहौल
मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या के बाद अब आरा में दोहरे हत्याकांड ने जनता के बीच असुरक्षा की भावना को और बढ़ा दिया है। बीते एक महीने में राज्य के कई जिलों से हत्या, अपहरण और लूट की खबरें आई हैं। विपक्ष इन घटनाओं को सरकार की लापरवाही बता रहा है, वहीं प्रशासन का कहना है कि हर मामले में त्वरित कार्रवाई की जा रही है।
चुनाव से पहले बड़ा मुद्दा बनेगा 'कानून-व्यवस्था'
बिहार चुनाव 2025 में जहां एक ओर केंद्र और राज्य सरकार विकास की उपलब्धियों को मुद्दा बनाना चाहती है, वहीं विपक्ष ने अब “जंगलराज रिटर्न्स” की बहस को फिर से हवा दे दी है। आरा की यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि चुनावी नैरेटिव को बदलने का ट्रिगर बन गई है।
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तेजस्वी यादव का वार: मोदी जी भाषण में जंगलराज का ज़िक्र अवश्य करें
बिहार चुनाव 2025 के बीच आरा में हुए पिता-पुत्र की हत्या ने सियासत गरमा दी है। तेजस्वी यादव ने इस दोहरे हत्याकांड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा और NDA सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाया।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच एक और दिल दहला देने वाली घटना ने राज्य की सियासत को हिला दिया है। मोकामा के बाद अब भोजपुर जिले के आरा में पिता-पुत्र की निर्मम हत्या ने कानून-व्यवस्था को लेकर नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। इस घटना पर राजद नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधे निशाने पर लिया है। उन्होंने NDA सरकार पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर प्रधानमंत्री अपने भाषणों में "जंगलराज" की बात करते हैं, तो उन्हें इन घटनाओं पर भी बोलना चाहिए।
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर प्रधानमंत्री को टैग करते हुए लिखा कि “आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, क्या आपको पता है कि आरा में प्रमोद कुशवाहा और उनके बेटे प्रियांशु की सत्ता-प्रेरित अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी? कृपया अपने भाषण में जंगलराज का जिक्र अवश्य करें। आपके प्रत्याशी खूब खून-खराबा कर रहे हैं।”
तेजस्वी के इस बयान के बाद राजनीतिक माहौल और गरमा गया है। विपक्ष अब लगातार NDA सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है, जबकि बीजेपी इसे चुनावी साजिश करार दे रही है।
क्या है आरा का पूरा मामला
भोजपुर जिले के उदवंतनगर प्रखंड के कसाप गांव निवासी प्रमोद कुशवाहा (45 वर्ष) राष्ट्रीय लोक मोर्चा के कार्यकर्ता बताए जा रहे हैं। वे पेशे से राजमिस्त्री थे और कस्बे में मिठाई की दुकान चलाते थे। गुरुवार देर रात उन्हें किसी ने फोन कर घर से बुलाया। वे अपने बेटे प्रियांशु (22 वर्ष) के साथ बाइक से निकले, लेकिन दोनों की लाशें शुक्रवार सुबह बेलघाट गांव के पास सड़क किनारे बरामद हुईं। दोनों के शरीर पर कई गोलियों के निशान मिले हैं। पुलिस ने घटनास्थल से खाली कारतूस और उनकी बाइक जब्त की है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हत्या के पीछे चुनावी रंजिश की आशंका जताई जा रही है। भोजपुर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
‘जंगलराज’ पर सियासी घमासान
बिहार की सियासत में ‘जंगलराज’ शब्द हमेशा से एक संवेदनशील मुद्दा रहा है। NDA अक्सर राजद शासनकाल के अपराधों को याद दिलाकर इसे चुनावी हथियार बनाता रहा है। लेकिन इस बार तेजस्वी यादव ने उसी शब्द को NDA पर पलटवार के रूप में इस्तेमाल किया है। उन्होंने लगातार बढ़ते अपराधों को नीतीश-मोदी सरकार की नाकामी बताते हुए कहा कि जनता अब “डबल इंजन” नहीं, बल्कि “डबल एक्सीडेंट सरकार” देख रही है।
बढ़ते अपराध और बिगड़ता माहौल
मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या के बाद अब आरा में दोहरे हत्याकांड ने जनता के बीच असुरक्षा की भावना को और बढ़ा दिया है। बीते एक महीने में राज्य के कई जिलों से हत्या, अपहरण और लूट की खबरें आई हैं। विपक्ष इन घटनाओं को सरकार की लापरवाही बता रहा है, वहीं प्रशासन का कहना है कि हर मामले में त्वरित कार्रवाई की जा रही है।
चुनाव से पहले बड़ा मुद्दा बनेगा 'कानून-व्यवस्था'
बिहार चुनाव 2025 में जहां एक ओर केंद्र और राज्य सरकार विकास की उपलब्धियों को मुद्दा बनाना चाहती है, वहीं विपक्ष ने अब “जंगलराज रिटर्न्स” की बहस को फिर से हवा दे दी है। आरा की यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि चुनावी नैरेटिव को बदलने का ट्रिगर बन गई है।
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