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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार तीसरे दिन वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई और बृहस्पतिवार को भी जहरीली हवा से कोई राहत नहीं मिली। शाम चार बजे 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 404 रहा। यह बुधवार के 418 से थोड़ा बेहतर है लेकिन यह स्तर स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है। यह रीडिंग वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (ईडब्ल्यूएस) के दिन में हवा 'बेहद खराब' रहने के उस पूर्वानुमान के बावजूद आई है।
पूर्वानुमान लगातार तीसरी बार गलत साबित
इस सप्ताह यह पूर्वानुमान लगातार तीसरी बार गलत साबित हुआ है। मॉडल ने मंगलवार और बुधवार को भी 'बेहद खराब' वायु गुणवत्ता का पूर्वानुमान व्यक्त किया था जबकि एक्यूआई उससे काफी अधिक 400 से ऊपर ही बना रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली के 39 निगरानी स्टेशनों में से 28 में 'गंभीर' वायु गुणवत्ता दर्ज की गई। वजीरपुर (458), चांदनी चौक (453) और बवाना (452) सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में शामिल थे। पूरे देश में केवल बहादुरगढ़ (466) और रोहतक (430) में दिल्ली से भी बदतर वायु गुणवत्ता दर्ज की गई।
हवा की रफ्तार कम होने से स्थिति और खराब
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण प्रदूषक जमीन के करीब ही फंसे हुए हैं। स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने कहा, "हल्की हवाओं और गिरते तापमान ने एक ‘इनवर्जन’ परत बना दी है, जो प्रदूषकों के फैलाव को रोकती है।" उन्होंने यह भी कहा, "हवाओं के तेज होने की उम्मीद थी लेकिन रफ्तार लगभग पांच-सात किलोमीटर प्रति घंटा से कम रही। रात में हवाएं ना चलने से परिस्थिति और खराब हो जाती है।"
प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान 12 प्रतिशत
निर्णय समर्थन प्रणाली (डीएसएस) के आंकड़ों से पता चला है कि बृहस्पतिवार को दिल्ली के पीएम 2.5 सांद्रता में पराली जलाने का योगदान लगभग 12 प्रतिशत था - जो पिछले दिन 22.4 प्रतिशत से कम था और इस मौसम का उच्चतम हिस्सा था। हालांकि सुबह उत्तर-पश्चिमी हवाएं बाद में पश्चिमी हो गईं, जिससे पंजाब और हरियाणा से धुएं का प्रवेश कम हुआ, फिर भी सैटेलाइट इमेजरी में भारत-गंगा के मैदानों में घनी धुंध छाई हुई दिखी।
एनसीआर में ग्रैब तीन लागू
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रैप) के तहत तीसरे चरण के प्रतिबंध पहले से ही लागू हैं। इसके चलते एनसीआर में निर्माण गतिविधियां रोक दी गई हैं और पुराने बीएस-3 पेट्रोल व बीएस-4 डीजल चौपहिया वाहनों को दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में चलने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। प्राथमिक विद्यालयों (कक्षा पांच तक) को भी अगले आदेश तक हाइब्रिड मोड में कक्षाएं जारी रखने का निर्देश दिया गया है।
मौसम की स्थिति लगातार ठंडी, स्थिर सर्दियों के दौर की शुरुआत को दर्शाती रही - जो आमतौर पर दिल्ली के प्रदूषण प्रकरणों को बदतर बना देती है। न्यूनतम तापमान 10.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री कम है, जबकि अधिकतम तापमान 26.3 डिग्री सेल्सियस रहा। गत वर्ष नवंबर में दिल्ली में आठ 'गंभीर' वायु गुणवत्ता वाले दिन देखे गए थे, जिसमें 18 नवंबर को एक्यूआई 494 के शिखर पर था, यह शहर में अब तक दर्ज किया गया दूसरा सबसे उच्च स्तर है। : air pollution delhi | air pollution effects | air pollution in delhi | delhi air pollution | new delhi air pollution
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