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Delhi Bulding collapesd
नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को उत्तर-पूर्व दिल्ली के मुस्तफाबाद में एक इमारत ढहने की घटना की जांच का आदेश दिया। इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई और 11 अन्य घायल हो गये। गुप्ता ने कहा कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) और अन्य एजेंसियां राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं। उन्होंने कहा, "सभी घायलों के समुचित उपचार की व्यवस्था की गई है।" राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली में एक इमारत ढह जाने की घटना में मारे गए लोगों के प्रति शनिवार को शोक व्यक्त किया और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
ढही इमारत में करीब 22 लोग फंस गए थे
मुस्तफाबाद के शक्ति विहार में तड़के करीब 3 बजे 20 साल पुरानी चार मंजिला इमारत ढह गई। पुलिस ने बताया कि ढही इमारत में करीब 22 लोग फंस गए थे, लेकिन बाद में 14 लोगों को बाहर निकालकर जीटीबी अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने चार लोगों को मृत घोषित कर दिया। उन्होंने बताया कि इस घटना में कुल 11 लोगों की मौत हो गई है और 11 अन्य घायल हैं। मुख्यमंत्री गुप्ता ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मुस्तफाबाद में इमारत गिरने की दर्दनाक घटना से मन अत्यंत व्यथित है।
दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी
घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘राहत एवं बचाव कार्यों में डीडीएमए, एनडीआरएफ, डीएफएस और अन्य एजेंसियां सतत रूप से जुटी हैं। सभी घायलों के समुचित उपचार की व्यवस्था की गई है। इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में जिनकी मृत्यु हुई है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें और शोक संतप्त परिवारों को इस अपूरणीय क्षति को सहने की शक्ति दें।’’ आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख एवं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
कपिल मिश्रा ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं सभी पार्टी कार्यकर्ताओं से राहत और बचाव कार्यों में प्रशासन के साथ पूरा सहयोग करने की अपील करता हूं।’ एक बयान के अनुसार, दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा मुस्तफाबाद से भाजपा विधायक और दिल्ली विधानसभा में उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट के साथ इमारत ढहने वाली जगह पर पहुंचे। दोनों नेताओं ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और उनकी चिंताओं को सुना। घटना को अत्यंत हृदय विदारक बताते हुए मिश्रा ने कहा कि दिल्ली सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ पीड़ितों के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करेगी। मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर वे स्वयं स्थिति का आकलन कर रहे हैं।
गंभीर आपराधिक लापरवाही
उन्होंने कहा कि यह घटना महज दुर्घटना नहीं है, बल्कि ‘‘गंभीर आपराधिक लापरवाही’’ का नतीजा है और दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। मंत्री ने कहा कि यह क्षेत्र "अवैध रूप से निर्मित 6-7 मंजिला इमारतों" से घिरा हुआ है, जो भविष्य में और भी बड़ी आपदाओं का कारण बन सकती हैं। बयान में कहा गया है कि सीलमपुर, मुस्तफाबाद और जाफराबाद जैसे इलाके "अवैध निर्माण" से भरे पड़े हैं और स्थिति बेहद चिंताजनक है।
खतरनाक इमारतों को खाली कराने की निर्देश
बयान में कहा गया है कि मिश्रा ने अधिकारियों को ऐसी सभी इमारतों की पहचान करने और उन्हें तुरंत खाली कराने का निर्देश दिया, ताकि समय रहते जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। बयान में कहा गया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए, क्षेत्र में पुरानी और असुरक्षित इमारतों की पहचान की जाएगी और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए मिश्रा ने दिल्ली नगर निगम के आयुक्त को अगले 2-3 दिनों के भीतर पूरे क्षेत्र का सर्वेक्षण करने और उच्च जोखिम वाली इमारतों को सूचीबद्ध करते हुए एक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया।
संरचनात्मक डिजाइन खराब था
एमसीडी आयुक्त अश्विनी कुमार ने जोन के डिप्टी कमिश्नर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ घटनास्थल का दौरा किया। आस-पास की इमारतों के लिए एक संरचनात्मक सर्वेक्षण शुरू किया गया है। लगभग 60 वर्ग गज के भूखंड पर बनी संपत्ति में एक भूतल और तीन अतिरिक्त मंजिलें शामिल थीं। एमसीडी ने एक बयान में कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया, यह पाया गया कि इमारत का संरचनात्मक डिजाइन आवश्यक भार वहन क्षमता के अनुरूप नहीं था।’’
आतिशी ने घटना पर दुख जताया
बिष्ट ने कहा कि वह लगातार इलाके में अवैध निर्माण का मुद्दा उठाते रहे हैं और सरकार इलाके के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है ताकि लोगों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। विपक्ष की नेता आतिशी ने घटना पर दुख जताया और मुस्तफाबाद में आप कार्यकर्ताओं से जारी अभियान में अधिकारियों का सहयोग करने का आग्रह किया। बचाव एजेंसियों के साथ पुलिस की टीम घटनास्थल पर मौजूद हैं और इमारत गिरने के कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।