Advertisment

छोटी उम्र, बड़ा हौसला: अद्रिका और अन्विका ने Soldierathon में दौड़ पूरी कर दी शहीदों को श्रद्धांजलि

देश के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित सोल्जराथन दौड़ में अद्रिका बंसल (8 वर्ष) और अन्विका बंसल (6 वर्ष) ने अपने अद्भुत साहस और संकल्प का प्रदर्शन किया।

author-image
Dhiraj Dhillon
अद्रिका, अनविका सोल्जेराथन, शहीदों को दी श्रद्धांजलि,
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
देश के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित सोल्जराथन दौड़ में अद्रिका बंसल (8 वर्ष) और अन्विका बंसल (6 वर्ष) ने अपने अद्भुत साहस और संकल्प का प्रदर्शन किया। दिल्ली के धौला कुआं क्षेत्र में आयोजित इस 10 किलोमीटर की दौड़ को दोनों बहनों ने सफलतापूर्वक पूरा कर मेडल अर्जित किया और शहीदों की स्मृति को नमन किया।

जवानों ने बच्चियों का उत्साहवर्धन किया

इस दौड़ के दौरान सेना के जवानों ने बच्चियों का उत्साहवर्धन करते हुए उनके जज्बे को सलाम किया। कार्यक्रम का सबसे प्रेरणादायक क्षण तब आया, जब दोनों का नाम मंच से पुकारा गया और उन्हें विशेष रूप से मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया। अद्रिका और अन्विका इससे पहले भी 10 अप्रैल को दिल्ली में आयोजित पीएनबी हाफ मैराथन में 10 किलोमीटर की दौड़ पूरी कर चुकी हैं। उस समय उन्होंने यह दूरी 2 घंटे 12 मिनट में तय की थी। लेकिन आज सोल्जराथन में दोनों ने मात्र 1 घंटे 42 मिनट में फिनिश लाइन पार कर अपने पिछले समय में 30 मिनट का शानदार सुधार किया।

बचपन से ही खेलों के प्रति समर्पित हैं बच्चियां

लोनी के शर्मा एनक्लेव, आर्य नगर निवासी एडवोकेट अंकित बंसल की ये बेटियां बचपन से ही खेलों के प्रति आकर्षित रही हैं। उनके पिता अंकित बंसल न केवल कड़कड़डूमा कोर्ट में वकालत करते हैं बल्कि खुद भी बच्चियों के साथ दौड़ लगाकर उन्हें प्रेरणा देते हैं। खेलों के प्रति इस समर्पण का पारिवारिक आधार भी है। अद्रिका और अन्विका की बुआ आकांक्षा बंसल अंतरराष्ट्रीय स्तर की शूटर हैं। उनके सम्मान में चार वर्ष पहले लोनी क्षेत्र में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (दिल्ली-यमुनोत्री मार्ग) पर मंडोला से गोत्र गांव तक एक सड़क का निर्माण किया गया था। 

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद ने किया था शिलान्यास

सड़क का शिलान्यास उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, तत्कालीन केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह और विधायक नंदकिशोर गुर्जर द्वारा किया गया था। शिलालेख पर आकांक्षा बंसल और उनके पिता हेमेंद्र बंसल का नाम भी अंकित है। देश के प्रति सम्मान, खेलों के प्रति समर्पण और आत्मविश्वास से भरी अद्रिका और अन्विका की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है। 

Advertisment
Advertisment