केदारनाथ मंदिर से जुड़े अद्भुत रहस्य, जानकर रह जाएंगे दंग
भगवान शिव को समर्पित केदारनाथ मंदिर में लोगों की गहरी आस्था है। इस मंदिर से जुड़े कई रहस्य ऐसे हैं, जिनसे लोग अनजान हैं।
भगवान शिव को समर्पित केदारनाथ मंदिर में लोगों की गहरी आस्था है। इस मंदिर से जुड़े कई रहस्य ऐसे हैं, जिनसे लोग अनजान हैं।
केदारनाथ मंदिर का शिवलिंग एकदम अलग है। केदारनाथ का शिवलिंग त्रिकोणीय आकार का है।
केदार मंदिर के कपाट बंद किए जाते हैं तो एक दिया जलाया जाता है। जब 6 महीने बाद कपाट खोले जाते हैं तो ज्योति वैसी ही जलती रहती है।
मान्यताओं के अनुसार केदारनाथ मंदिर बेहद प्राचीन है। महाभारत युद्ध के बाद भगवान शिव से क्षमा मांगने के लिए पांडवों ने केदारनाथ मंदिर का निर्माण करवाया था।
केदारनाथ मंदिर में स्थित शिवलिंग 'स्वयंभू' है, यानी कि यह शिवलिंग कई वर्ष पहले स्वयं प्रकट हुआ है।
2013 में केदारनाथ में विनाशकारी बाढ़ आई, जिससे भारी तबाही मची। मजबूत से मजबूत इमारत ताश के पत्तों की तरह ढह गई, लेकिन मंदिर को जरा भी नुकसान नहीं हुआ।
यह दिव्य मंदिर 6 महीने बर्फ से ढका रहता है, केवल 6 महीने ही बाबा केदार दर्शन देते हैं।
मंदिर के पास एक रेतस नाम का कुंड है। कुंड के पास ओम नमः शिवाय बोलने पर पानी में बुलबुले उठते हैं। यह चमत्कार है।
मंदिर के पास एक रेतस नाम का कुंड है। कुंड के पास ओम नमः शिवाय बोलने पर पानी में बुलबुले उठते हैं। यह चमत्कार है।