19 साल की दिव्या देशमुख ने FIDE महिला वर्ल्ड कप जीतकर पूरी दुनिया को चौंका दिया।
दिव्या ने 2025 में जॉर्जिया में हुए टूर्नामेंट में कोनेरु हम्पी को हराकर इतिहास रच दिया। वह ये खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
नागपुर में जन्मी दिव्या ने सिर्फ 5 साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू किया। उनके माता-पिता डॉक्टर हैं।
दिव्या ने न सिर्फ कई नेशनल और इंटरनेशनल चैंपियनशिप जीती हैं, बल्कि पढ़ाई में भी वह उतनी ही तेज हैं।
दिव्या का अंदाज सिंपल है लेकिन उनका आत्मविश्वास उन्हें खास बनाता है। उनकी हर तस्वीर में चमक साफ नजर आती है।
खिताब जीतने के बाद दिव्या ने कहा, "ये मेरी जर्नी की शुरुआत है। मैं और ऊंचाइयों तक जाना चाहती हूं।"
दिव्या ने साबित किया कि खूबसूरती सिर्फ चेहरे की नहीं, दिमाग और सोच में होती है। वह हर युवा लड़की के लिए प्रेरणा हैं।
राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक, सभी ने दिव्या की जीत को सलाम किया। नागपुर की बेटी ने भारत को फिर एक बार गौरवान्वित किया।