वनमती : भैंस चराने से लेकर IAS बनने का सफर
सी वनमती, तमिलनाडु निवासी एक IAS जो गरीबी में भैंस चराने के साथ शुरुआती 3 प्रयासों में असफल होने के बाद चौथे प्रयास UPSC में AIR 152 हासिल की। आज युवाओं की प्रेरणा स्रोत हैं।
सी वनमती, तमिलनाडु निवासी एक IAS जो गरीबी में भैंस चराने के साथ शुरुआती 3 प्रयासों में असफल होने के बाद चौथे प्रयास UPSC में AIR 152 हासिल की। आज युवाओं की प्रेरणा स्रोत हैं।
किसान के बेटे ने रचा इतिहास...
तमिलनाडु निवासी गरीब परिवार की बेटी सी वनमती के पिता टैक्सी ड्राइवर थे। बचपन में भैंस चराने के साथ घर के कामों में हाथ बंटाया।
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आर्थिक तंगी के बावजूद, वनमती के माता-पिता ने शिक्षा को हमेशा प्राथमिकता दी। उन्होंने वनमती को पढ़ने के लिए प्रेरित किया।
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शादी के दबाव को नजरअंदाज करते हुए, वनमती ने अपनी पढ़ाई पोस्ट ग्रेजुएशन तक पूरी की। जो उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
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वनमती ने IAS बनने का संकल्प एक महिला अफसर को देखकर लिया। साथ ही 'गंगा यमुना सरस्वती' टीवी सीरियल देखकर उन्हें प्रेरणा मिली।
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IAS बनने का सफर वनमती के लिए आसान नहीं था। UPSC की परीक्षा में तीन बार असफलता के बाद भी धैर्य और संकल्प नहीं छोड़ा।
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तीन असफलताओं के बाद भी वनमती ने हार नहीं मानी। मेहनत और लगन ने चौथे प्रयास में UPSC 2015 की परीक्षा में AIR 152 रैंक मिली और IAS बनीं।
किसान के बेटे ने रचा इतिहास...
भैंस चराने से लेकर IAS बनने तक की उनकी यात्रा दृढ़ संकल्प, अदम्य साहस और सपनों को पूरा करने की ललक है। आज उनकी कहानी लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है।
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