अनाथालय से IAS बनने तक का सफर

बी अब्दुल नासर केरल के एक आईएएस अधिकारी हैं, जिनकी सफलता की कहानी असाधारण है। बचपन में पिता को खोने के बाद उन्होंने 13 साल एक अनाथालय में बिताए। जानें 7 प्वाइंट में पूरी कहानी।

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बचपन में संघर्ष और अनाथालय में शिक्षा

केरल में कन्नूर के निवासी बी अब्दुल नासर का जन्म थालास्सेरी गांव में हुआ था। 5 वर्ष की आयु में पिता को खोया। भाई-बहनों संग अनाथालय में 13 साल रहकर शिक्षा पूरी की।

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परिवार के लिए काम

परिवार के लिए, अब्दुल ने 10 साल की उम्र में वेटर का काम करना शुरू कर दिया था।

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आजीविका के लिए संघर्ष

स्नातक के बाद जीवन यापन के लिए अखबार बेचना, ट्यूशन पढ़ाना और फोन ऑपरेटर का काम किए।

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सरकारी नौकरी

1994 में स्नातकोत्तर करने के बाद, केरल स्वास्थ्य विभाग में सरकारी कर्मचारी के रूप में अपना करियर शुरू किया।

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राज्य सिविल सेवा में पदोन्नति

कार्य के प्रति अपने समर्पण और कौशल ने उन्हें 2006 में राज्य सिविल सेवा में डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदोन्नत किया गया।

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बिना यूपीएससी बने आईएएस

बी अब्दुल नासर ने यूपीएससी परीक्षा पास नहीं की, बल्कि राज्य सिविल सेवा में पदोन्नति के बल पर 2017 में आईएएस के रूप में पदोन्नत मिला।

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प्रमुख प्रशासनिक पद

अब्दुल ने केरल सरकार के आवास आयुक्त के रूप में कार्य किया है। 2019 में, उन्होंने कोल्लम जिले में जिला कलेक्टर की सेवाएं दीं।

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