इंसान रोता है, हँसता है, दुखी होता है – ये सब AI के बस की बात नहीं। भावनाएं सिर्फ दिल से निकलती हैं।
AI आपकी बातों का जवाब दे सकता है, लेकिन किसी के गले लगने का एहसास नहीं दे सकता।
सच्चा हमदर्द सिर्फ इंसान होता है। मशीन बस समझने का नाटक कर सकती है, महसूस नहीं।
कविता, पेंटिंग, संगीत – AI सीख सकता है, लेकिन उसमें इंसानी दिल की भावनाएं नहीं होतीं।
AI "माँ", "दोस्त" या "पार्टनर" नहीं बन सकता। रिश्ते इंसान की आत्मा से बनते हैं।
AI जानकारी सेव करता है, लेकिन यादों से जुड़ी भावनाएं सिर्फ इंसान को छूती हैं।
क्या सही है, क्या गलत – ये समझ इंसान अपने अनुभव और अंतरात्मा से लाता है, AI नहीं।