सेल्फ स्टडी से ही 23 की उम्र में IAS बनीं कस्तूरी पांडा

ओडिशा की कस्तूरी पांडा ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 में अखिल भारतीय रैंक 67 हासिल करके युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्थापित की है। आइए जानते हैं कि कस्तूरी पांडा के संघर्षो और IAS बनने तक का सफरनामा।

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ओडिशा से इंजीनियरिंग की

ओडिसा निवासी कस्तूरी पांडा ने NIT राउरकेला से B.Tech की डिग्री पूरी कर सिविल सेवा में जाने का फैसला लिया।

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कोचिंग नहीं, सेल्फ स्टडी पर भरोसा

कस्तूरी पांडा ने यूपीएससी के लिए कोचिंग का सहारा नहीं लिया। उनकी सफलता का प्रमुख आधार Self-Study रही।

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पहले प्रयास से प्रेरणा

कस्तूरी अपने पहले प्रयास में Prelims और Mains को पास किया, लेकिन वह Interview में सफल नहीं हुईं।

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हार को बनाया हथियार

इंटरव्यू में मिली असफलता से तैयारी में सुधार किया। खासकर अपने ऑप्शनल विषय सोशियोलॉजी के अंकों का बारीकी से विश्लेषण किया।

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OPSC में 14वीं रैंक की सफलता

यूपीएससी के बीच, OPSC में कस्तूरी ने 2020 में 14वीं रैंक हासिल की। इससे प्रशासनिक अनुभव और आत्मविश्वास मिला।

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दूसरे प्रयास में बेहतरीन वापसी

कस्तूरी को दूसरे प्रयास UPSC CSE 2022 में बड़ी कामयाबी मिली। AIR 67 रैंक हासिल करके वह महज 23 की उम्र में IAS बनने में सफल हुईं।

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कस्तूरी पांडा युवाओं के लिए प्रेरणा

कस्तूरी ने मात्र 23 साल की उम्र में जो मुकाम हासिल किया वह आज उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं जो बिना कोचिंग के UPSC क्रैक करना चाहते हैं।

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