ईरान में बगावत की चिंगारी! क्या लौटेगा शाही परिवार?
ईरान में इस्लामिक रिपब्लिक और अली खामेनेई के खिलाफ रेजा पहलवी ने सेना से बगावत की अपील की। देशव्यापी विरोध प्रदर्शन और हड़तालों से शासन को उखाड़ फेंकने का आह्वान। क्या ईरान में राजशाही लौटेगी?
ईरान में इस्लामिक रिपब्लिक और अली खामेनेई के खिलाफ रेजा पहलवी ने सेना से बगावत की अपील की। देशव्यापी विरोध प्रदर्शन और हड़तालों से शासन को उखाड़ फेंकने का आह्वान। क्या ईरान में राजशाही लौटेगी?
ईरान में सर्वोच्च नेता खामेनेई के खिलाफ बगावत की चिंगारी सुलग उठी है। देश में दशकों से चले आ रहे इस्लामी शासन के खिलाफ अब एक नई आवाज़ बुलंद हुई है।
ईरान के पूर्व राजा के बेटे रजा पहलवी ने खामेनेई को सीधी चुनौती दी है। उन्होंने कहा, "हमारा समय आ गया है..." इस बयान ने ईरान की राजनीति में हलचल मचा दी है।
रजा पहलवी के इस बयान से ईरान में शाही परिवार की सत्ता में वापसी की अटकलें तेज़ हो गई हैं। क्या ईरान का भविष्य एक बार फिर शाह युग की ओर बढ़ेगा?
सवाल यह है कि क्या खामेनेई की गद्दी पर खतरा मंडरा रहा है? क्या यह सिर्फ एक सियासी पैंतरा है या ईरान में सचमुच बड़े बदलाव की नींव रखी जा रही है?
हाल के वर्षों में ईरान में जन आंदोलन और विरोध प्रदर्शनों में वृद्धि देखी गई है। आर्थिक संकट और सामाजिक स्वतंत्रता पर पाबंदियों ने लोगों में असंतोष पैदा किया है।
ईरान का राजनीतिक परिदृश्य बेहद जटिल है। धार्मिक नेताओं का वर्चस्व है, लेकिन जनता में बदलाव की आकांक्षाएं बढ़ रही हैं। पहलवी का आह्वान इस जटिलता को और बढ़ा रहा है।
क्या शाही परिवार यानि रजा पहलवी की यह हुंकार एक बड़ी क्रांति में बदल पाएगी, या खामेनेई शासन इसे दबाने में सफल रहेगा? ईरान का भविष्य अब एक अहम मोड़ पर खड़ा है।